चेरापूंजी (Cherrapunji) मतलब दुनिया में बारिश की राजधानी| भारत के मेघालय में दुनिया का सर्वाधिक बारिश वाला क्षेत्र चेरापूंजी समुद्र से लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई पर बसा है| मेघालय की राजधानी शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जगह पर्यटकों के लिए बेहद ख़ास है|चेरापूंजी को सोहरा के नाम से भी जाना जाता है| साल में 10,000 मिलीमीटर तक वर्षा के साथ यह दुनिया भर के आकर्षण का केंद्र है| दूर-दूर से पर्यटक यहां प्रकृति की छटा का आनंद लेने आते है| बारिश और हरियाली के नज़ारे से सजी चेरापूंजी की पहाड़ियां इतना सुन्दर दृश्य बनती है की मन प्रसन्न हो जाता है| प्रकृति प्रेरमियो के लिए यहाँ सब कुछ है (India Tourism)|
Pune Tourism : इतिहास और आधुनिकता का पर्यटन एक साथ पुणे में
पहाड़ की ऊंचाई से गिरते पानी की धार, झरनो की प्रचंड ध्वनि, फव्वारे और बूंदो से बने बादल के बीच मुस्कुराती प्रकृति सचमुच स्वर्ग की अनुभूति करवाती है| स्थानीय निवासियों में बसंत का मौसम काफी लोकप्रिय है| खासी जनजाति के लोग मानसून का स्वागत लोक गीत और लोक नृत्यों से करते है| यह लोक संस्कृति पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है|
एक विडंबना ही है कि सबसे ज्यादा बारिश होने के बाद भी चेरापूंजी के लोगों को हर साल कुछ महीनों के लिए पानी के लिए तरसना पड़ता है| कुछ महीनो तक यहां के लोगों को पब्लिक हेल्थ इंजीनयरिंग की वाटर सप्लाई से गुजरा करना होता है|
Bodh Gaya Tourism : बौद्ध धर्म की आस्था के प्रतिक ‘बोधगया’ का पर्यटन
चेरापूंजी (Cherrapunji) का शाब्दिक अर्थ है सन्तरों का स्थान | यहाँ वर्षभर भारी बारिश के कारण खेती लगभग नामुमकिन ही है | मास्मई, नोहकालीकई, डैन थ्लेन जैसे झरने, ऊचें पहाड़ो की चोटियां इसे एक मनोरम स्थल बनाते है| सुन्दर नोहकालीकई देश के सबसे बड़े झरनों में से एक है|
मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ी जिले का यह कस्बा 19वीं सदी की शुरुआत में उस समय के पूर्वी बंगाल से होते हुये चेरापूँजी आये ब्रिटिशों की नजर में आया | और जैन्तिया पहाड़ियों को उन्होंने आधिकारिक मुख्यालय बनाया| यह असम की राजधानी भी रहा | अंग्रेजों ने बाद में शिलाँग को राजधानी बनाया| विलियम कैरे ने चेरापूँजी को तरक्की की राह पर डाला |
पूर्वोत्तर भारत का पहला गिरजाघर चेरापूँजी में सन् 1820 में बनाया गया| अंग्रेजों ने चेरा के भौगोलिक लाभ को भाँप कर इसका विकास किया | चेरापूँजी शिलाँग से 60 किमी की दूरी पर है | शिलाँग तथा चेरापूँजी के बीच सड़क परिवहन के साधन सुगमता से मिल जाते हैं| शिलॉन्ग देश के बड़े शहरों से रेल, हवाई और सड़क मार्ग से जुड़ा है|
Amritsar Tourism : पंजाब की अध्यात्मिक धरोहर के दर्शन अमृतसर में
बारिश की राजधानी सोहरा यानि चेरापूंजी में कभी भी बारिश हो जाती है लेकिन कोशिश करे गर्मियों के दौरान यहाँ घूमने जाये |
Jagannath Puri Tourism : तीर्थ यात्रा अधूरी, जो नहीं गए ‘पुरी’
रहें हर खबर से अपडेट, ‘टैलेंटेड इंडिया’ के साथ| आपको यहां मिलेंगी सभी विषयों की खबरें, सबसे पहले| अपने मोबाइल पर खबरें पाने के लिए आज ही डाउनलोड करें Download Hindi News App और रहें अपडेट| ‘टैलेंटेड इंडिया’ की ख़बरों को फेसबुक पर पाने के लिए पेज लाइक करें – Talented India News
