रिलायंस जिओ ने भारतीय एयरटेल को करारा झटका दिया है। जिओ 1 जनवरी से भारतीय रेलवे को अपनी सर्विस देगा। पिछले 6 वर्षों से रेलवे एयरटेल लिमिटेड से सेवाएं ले रहा है, जिसके लिए रेलवे सालाना 100 करोड़ रुपए का भुगतान एयरटेल को करता है। इसकी वैधता इस वर्ष 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है।
रेलवे बोर्ड की ओर से 20 नवंबर को जारी आदेश के अनुसार, मौजूदा क्लोज्ड यूजर ग्रुप (सीयूजी) योजना की वैधता 31 दिसंबर 2018 को समाप्त हो रही है। इसके लिए इंडियन रेलवे के लिए नई सीयूजी योजना को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी रेलटेल को सौंपी है। रेलटेल ने इसके लिए रिलांयस जिओ इन्फोकॉम लिमिटेड को चुना है और रिलायंस को यह कॉन्ट्रेक्ट दे दिया है।
नई सीयूजी सेवा 1 जनवरी 2019 से लागू होगी। सीयूजी मोबाइल सेवा ऑपरेटरों द्वारा प्रदान की जाने वाली सप्लीमेंट्री सेवा है, जो समूह के भीतर जुड़े किसी भी सदस्य को कॉल करने और प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराती है। यह सेवा एसएमएस के लिए भी लागू है।
इस योजना के तहत रिलायंस जिओ 4जी, 3जी कनेक्शन प्रदान करेगा और कॉल नि:शुल्क होगी। कंपनी रेलवे को चार पैकेज मुहैया कराएगी। पहला पैकेज वरिष्ठ अधिकारी के लिए 125 रुपए के मासिक किराये पर 60 जीबी का प्लान, दूसरा संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के लिए 99 रुपए के मासिक किराये पर 45 जीबी का प्लान, तीसरा ग्रुप सी स्टाफ के लिए 67 रुपए के मासिक किराये पर 30 जीबी का प्लान और चौथा बल्क एसएमएस के लिए 49 रुपए का प्लान है। नियमित ग्राहकों के लिए जिओ का 25 जीबी का प्लान 199 रुपए में उपलब्ध है, जो ग्राहकों के इसके बाद टॉपअप के लिए 20 रुपए प्रति जीबी का भुगतान करना पड़ता है जबकि जिओ ने रेलवे कर्मचारियों के लिए जो योजना तैयार की है, उसमें 2 जीबी के अतिरिक्त डेटा के लिए 10 रुपए चुकाने होंगे।
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