थोड़ी सी देर बिजली गुल हो जाने पर आप परेशान हो जाते हो, परन्तु आज रात 8.30 बजे से एक घंटे तक के लिए आपके शहर या देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बिजली गुल रहेगी (World Earth Hour Day 2019)| आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी कौन सी समस्या आ गई जो विश्वव्यापी बिजली कटौती करने की नौबत आ गई?
प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या
दरअसल आज ‘अर्थ आवर डे’ (World Earth Hour Day 2019) है, जो बिजली बचाने के मकसद से शुरू किए गए अभियान का एक हिस्सा है| इस अभियान का नाम ‘अर्थ ऑवर वर्ल्ड वाइड फंड’ है, जिसे ‘वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर’ (World Wide Fund for Nature) संस्था चलाती है| इस संस्था का मकसद लोगों को बिजली बचाने, पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है| ‘अर्थ आवर डे’ का इस साल का स्लोगन है, Change the Way We Live| ‘अर्थ आवर डे’ की ख़ास बात यह है कि इस दिन लोगों से स्वेच्छा से कुछ देर (लगभग एक घंटा) के लिए ऐसे बिजली के उपकरण बंद रखने की अपील की जाती है, जो गैर ज़रूरी हो| इस साल रात 8:30 बजे से लेकर एक घंटे तक लाइट्स बंद करने की अपील की गई है |
उल्लेखनीय है कि ‘अर्थ आवर डे’ (World Earth Hour Day 2019) के दिन तय किए गए एक घंटे में जनता से आग्रह किया जाता है कि वे अपने घरों और दफ्तरों की गैर ज़रूरी लाइट्स और बिजली से चलने वाली बाकी चीज़ें बंद रखें|
पिल्लों को बनाया अपनी हवस का शिकार, देखें Photos….
इस तरह हुई शुरुआत (World Earth Hour Day 2019)
‘अर्थ आवर डे’ (World Earth Hour Day 2019) अभियान 2007 से चर्चा में आया | इस अभियान के तहत उस समय सिडनी में पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देने के लिए एक घंटे लाइटें बंद करवाई गई थीं, तभी से इसे पहचान मिली| सिडनी में दिए गए संदेश के बाद लाइटें बंद करवाने के बाद करीब 162 देशों में लाइट्स बंद करने का अभियान फैला| 2017 में अनुमान लगाया गया था कि 172 देशों से इस अभियान को समर्थन मिला|
अर्थ ऑवर वर्ल्ड वाइड फंड अभियान से जुड़ा दफ्तर सिंगापुर में है| इस संस्था को वर्तमान में 5 मिलियन से ज्यादा लोग सपोर्ट करते हैं और ये लोग 100 से अधिक देशों के बताए जाते हैं| इस संस्था का उद्देश्य प्रकृति को हो रहे नुकसान को रोककर भविष्य को बेहतर बनाना है|
गौरतलब है कि दुनियाभर के देश बिजली बचाने के लिए कई वर्षों से प्रयासरत हैं| बिजली बचाने के लिए भारत का बल्ब की जगह सीएफएल और एलईडी का प्रयोग काफी सराहनीय था| इसका नतीजा यह हुआ कि पीली रोशनी वाले बल्ब से ज्यादा लाइट खर्च होती थी, जो सीएफएल और एलईडी के माध्यम से कम खर्च होने लगी|
आपको बता दें कि आज दुनिया का सबसे बड़ा सौर उर्जा संयंत्र स्पेन में और दूसरे नंबर पर जर्मनी में है| भारत में राजस्थान, गुजरात और उड़ीसा में सौर ऊर्जा पैदा की जाती है|
MP News :कमलनाथ सरकार के विधायक ने मचाया बवाल
रहें हर खबर से अपडेट, ‘टैलेंटेड इंडिया’ के साथ| आपको यहां मिलेंगी सभी विषयों की खबरें, सबसे पहले| अपने मोबाइल पर खबरें पाने के लिए आज ही डाउनलोड करें Download Hindi News App और रहें अपडेट| ‘टैलेंटेड इंडिया’ की ख़बरों को फेसबुक पर पाने के लिए पेज लाइक करें – Talented India News
