मालदीव जहां एक ओर अपने राजनीतिक विवादों को लेकर चर्चा में रहा है, वहीं दूसरी ओर मालदीव की सरकार लगातार अपने देश से भारत के प्रभाव को खत्म करने की कोशिशों में जुटी है| इस कारण दोनों देश के संबंध भी तनावपूर्ण बन गए हैं|
हेलीकॉप्टर वापस करने और भारतीय कामगारों को परमिट न देने के बाद मालदीव ने अब ऊर्जा क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं| रिपोर्ट् के अनुसार पिछले हफ्ते मालदीव स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कंपनी ‘स्टेलको’ के अधिकारी पाकिस्तान गए थे, जहां उन्होंने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए| भारत के लिहाज से इस समझौते की टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण है| यह समझौता ऐसे वक्त हुआ है, जब मालदीव भारतीय कामगारों को परमिट देने से इनकार कर चुका है| ऐसे में यह खबर भारत की विदेश नीतियों को झटका देने वाली है| भारत द्वारा मालदीव को उसके क्षेत्र में एक निगरानी विमान डोजियर रखने का प्रस्ताव भी दिया गया था, जिससे मालदीव पीछे हट गया| इसके पीछे की वजह पाकिस्तान द्वारा मालदीव को इसी तरह के विमान की पेशकश बताई जा रही है|
भारतीय अधिकारी मालदीव में पाकिस्तान की उपस्थिति को खतरनाक मान रहे हैं| उनका मानना है कि मालदीव का उपयोग पाकिस्तान भारत के खिलाफ जासूसी के लिए कर सकता है, जिससे वहां की सुरक्षा स्थिति और भी जटिल हो सकती है|
