हरियाणा (Haryana) में आखिर भाजपा (Bharatiya Janata Party) अपना जादू चलाने में सफल हो ही गई। हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में ‘अबकी बार 75 पार’ के नारे के साथ उतरी बीजेपी के नारे का दम तो नहीं चल सका। भाजपा बहुमत भी हासिल नहीं कर पाई, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य अमित शाह (Amit Shah) ने फिर ऐसी चाल चली कि प्रदेश में फिर से भाजपा की वापसी हो गई। मुख्यमंत्री मनाओहार लाल खट्टर एक बार भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इसी के साथ भाजपा के समर्थन में आई जेजेपी के उम्मीदवारों को भी मंत्रिमंडल में बड़ा पद दिया जाएगा।
अब आधार से लिंक करानी होगी प्रॉपर्टी
हरियाणा में शपथ ग्रहण
हरियाणा (Haryana) में रविवार दोपहर दो बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा जिसमें मनोहर लाल खट्टर नई सरकार के मुखिया के रूप में शपथ लेंगे। यह भी कहा जा रहा था कि सीएम के साथ ही दो उपमुख्यमंत्री भी शपथ लेंगे, लेकिन अब बीजेपी ने साफ कर दिया है कि एक ही डिप्टी सीएम होगा। बीजेपी विधायक दल की बैठक में में सीएम खट्टर के साथ बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला, पार्टी के राज्य प्रभारी अनिल जैन सहित कई लोग शामिल थे। कहा जा रहा है कि जेजेपी के दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
मध्यप्रदेश में फीकी रहेगी सरकारी कर्मचारियों की दिवाली!
BJP legislative party meeting begins at UT Guest house in Chandigarh. Union Minister Ravi Shankar Prasad, CM Manohar Lal Khattar present. #HaryanaAssemblyPolls pic.twitter.com/FI8r2nxciq
— ANI (@ANI) October 26, 2019
दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी को अपनी पार्टी जेजेपी का समर्थन देने की घोषणा की थी। इसमें ऐलान किया गया कि मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा और उपमुख्यमंत्री का पद क्षेत्रीय पार्टी यानी जेजेपी को दिया जाएगा। बीजेपी 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है। वहीं कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं जबकि पहली बार चुनाव लड़ रहे जेजेपी ने 10 सीटें जीतीं थी।
मछुहारा उल्टी बेचकर कमायेगा 2.27 करोड़
बीजेपी के साथ नहीं कांडा
भारतीय जनता पार्टी निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल कांडा का समर्थन नहीं ले रही है। पहले यह कहा जा रहा था कि भाजपा ने गोपाल कांडा के समर्थन को स्वीकार कर लिया था, लेकिन अब भाजपा ने ऐलान कर दिया है कि वे ऐसा नहीं कर रहे हैं । वहीं गोपाल कांडा शुक्रवार को गोपाल कांडा ने बिना शर्त के भाजपा को अपना समर्थन दिया था और कहा था कि वे पिछले तीस साल से आरएसएस के साथ जुड़े हुए हैं।
– Ranjita Pathare
