देश में हत्यायों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिसमें अपराधी बड़ी बेरहमी से हत्या को अंजाम देते हैं। पुलिस प्रशासन और सरकार इन जुर्म पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। इसी कड़ी में एक और मामला सामने आया है जहां एक आरटीआई कार्यकर्ता को किडनैप कर उसकी बड़ी ही निर्ममता के साथ हत्या कर दी गई। यह वारदात महाराष्ट्र के पुणे में घटित हुई। अपराधियों ने क़त्ल करने के बाद लाश को मुलशी तहसील के मुठा गांव की खाई में फेंक दिया। आरटीआई कार्यकर्ता का नाम विनायक सुधाकर शिरसाट (32) बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि 31 जनवरी को आरटीआई कार्यकर्ता विनायक सुधाकर के परिजन ने, भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। फिलहाल इस बात की जानकारी पुलिस को हासिल नहीं हो सकी है कि हत्या किस वजह से की गई है। विनायक शिवणे उत्तमनगर इलाके का रहने वाला था। विनायक ने आरटीआई में रहते हुए वडगांव धायरी सहित इलाके में चल रहे कई अवैध निर्माणकार्य के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने इलाके की कई अवैध इमारतों को गिराकर कार्रवाई करवाई थी। गुमशुदगी की शिकायत के बाद लगातार पुलिस विनायक की तलाश में जुटी हुई थी। जांच के दौरान पुलिस को विनायक के मोबाइल की लोकेशन मुठा गांव में मिली। जब इस गांव की में पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया तो विनायक की सड़ी हुई लाश खाई से बरामद हुई।
लाश की शिनाख्त उसके कपड़ों और मोबाइल से, उसके भाई ने की। वहीं पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि, आरटीआई कार्यकर्ता विनायक के दोस्त ने ही उसका अपहरण किया था, हालांकि अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि विनायक 30 जनवरी को घर से बाहर गया था। विनायक अपने दोस्तों के साथ ही घर से बाहर गया था, लेकिन घर वापस न आने पर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। बताया जा रहा है कि विनायक का अपहरण कर दूसरी गाड़ी में बैठाकर पिरंगुट लावसा रोड ले जाया गया, जहां उसकी निर्मम तरीके से हत्या की गई। हत्या करने के बाद विनायक की लाश को मुठा गांव के पास खाई में फेंक दिया गया था।
(प्रभात)