एक ओर महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी हैं, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में महिला संविदा कर्मचारियों के लिए एक ऐसा आदेश आया है, जो महिलाओं को कार्य करने से रोकने के समान है| राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में महिला संविदा कर्मचारियों के लिए एक अजीब सा आदेश आया है, जिसके तहत यदि वे नियमित रूप से नौकरी करना चाहती है तो उन्हें गर्भवती होने से बचना होगा|
उत्तराखंड की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने इस आदेश की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह स्वास्थ्य व्यवस्था का तुगलकी आदेश है और इसे हर हाल में वापस लेना चाहिए|
बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत महिला संविदाकर्मियों को अपनी सेवा बहाल रखने यानी नौकरी पर बने रहने के लिए गर्भवती नहीं होने का प्रमाण देने के लिए कहा गया है| यह आदेश पिथौरागढ़ के सीएमओ कार्यालय से जारी किया गया है| इस आदेश के बाद खलबली मची हुई है| संविदाकर्मियों ने इसे नारी समाज का अपमान बताया है|
हालांकि, पिथौरागढ़ की सीएमओ उषा गुज्याल का कहना है कि संभवत: एनएचएम के नोडल अफसर से भूलवश यह आदेश जारी हो गया है। इसे जल्द ही सुधार लिया जाएगा| ऐसे आदेश देश में महिलाओं को लेकर हो रहे बदलाव पर अपवाद जैसे हैं|

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