देश में चुनावी माहौल चल रहा है| ऐसे में कई चुनावी सभाओं का आयोजन हो रहा है| इन सभाओं में भाजपा द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिर में दर्शन करने पर हर बार सवाल उठाए जाते हैं| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान चुनाव प्रचार में भी मंदिर यात्राओं का दौर जारी ही है| उन्होंने पुष्कर मंदिर में अपने आप को ब्राह्मण बताते हुए अपना गोत्र दत्तात्रेय बताया था, जिसके बाद भी काफी बवाल हुआ| कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने खुलासा किया है कि क्यों राहुल गांधी जाते हैं मंदिर|
पार्टी सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी के आलोचकों को जवाब देते हुए बताया कि क्यों राहुल गांधी जाते हैं मंदिर| उन्होंने कहा, “लंबे समय तक हम (कांग्रेस) यह महसूस करते रहे कि अपने निजी धार्मिक विश्वासों को सार्वजनिक करना उचित नहीं है| हम अपनी आस्थाओं को मानते रहे, लेकिन उसको सार्वजनिक रूप से प्रकट करने की ज़रूरत महसूस नहीं की| उसकी एक आंशिक वजह यह भी रही कि कांग्रेस नेहरूवादी सेक्युलरवाद से प्रभावित रही, जिसकी जड़ें आजादी के आंदोलन से जुड़ी रहीं|”
उन्होंने आगे कहा, “ऐसे देश में जहां धार्मिकता इतनी गहरी है और यदि विमर्श को इस तरह पेश किया जाएगा तो सेक्युलरवादी हमेशा हारेंगे इसलिए हमने तय किया कि अब यह समय आ गया है कि हम अपनी आस्था को प्रकट करेंगे, लेकिन इसको ऐसे समावेशी फ्रेमवर्क में पेश किया जाए, जिसमें दूसरे धर्मों में भी यह स्वीकार हो|”
राहुल गांधी के मंदिर दौरे के बारे में उन्होंने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष की यात्राओं को इस तरह से देखना उचित नहीं होगा| राहुल गांधी यदि खुद को शिवभक्त कहते हैं तो उसका आशय भी बखूबी समझते हैं| इस तरह की यात्राओं के अब फोटो आने से पहले ही राहुल गांधी के साथ उनकी धर्म और आध्यात्मिकता पर संवाद हुआ है| वे धर्म और आध्यात्मिकता के मसले पर बहुत ही विचारशील और अध्ययनशील भारतीय राजनेता है|”
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