कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा देश इस समय राजस्थान के सियासी दंगल से भी झुंझ रहा है . बीजेपी पर एक बार फिर विधायक खरीदी का आरोप लगा है. कांग्रेस के बागी राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गुट की याचिका पर आज एक बार फिर हाईकोर्ट में सुनवाई में गेहलोत की जीत हुई. इस बीच सचिन पायलट गुट को 24 जुलाई तक की मोहलत दी गई है.
हाई कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से कहा कि आप 24 जुलाई तक कोई भी कार्यवाही नहीं करेंगे
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फिलहाल-
अदालत में सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी और हरीश साल्वे अपना अपना पक्ष रख रहे है.
स्पीकर की ओर से पेश होते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, याचिका सिर्फ एक नोटिस के आधार पर डाल दी घई है, जबतक स्पीकर किसी विधायक को अयोग्य घोषित ना कर दें. तबतक अदालत दखल नहीं दे सकता है.
राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि आज आने वाले कोर्ट के फैसले पर बहुत कुछ निर्भर करेगा. अगर कोर्ट पायलट गुट को अमान्य कर देती है या मान्य कर देती है, तो अशोक गहलोत को सदन में अपना बहुमत साबित करना चाहिए क्योंकि उसके बाद ही वह कामकाज कर सकते हैं.
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स्पीकर के द्वारा दिए गए नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट गुट ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
कांग्रेस के दो गुटों में कानूनी लड़ाई के बीच सचिन पायलट को वापस लाने की कोशिशें भी जारी हैं.
फिलहाल मानेसर के होटल में पायलट गुट के विधायक रह रहे है. दूसरी ओर बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया है .बीजेपी ने फोन टैपिंग को कांग्रेस की अंदरूनी साजिश बताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की है.
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