आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे लंबे रेल सह सड़क पुल का शुभारंभ कर दिया| शुभारंभ करने पहुंचे पीएम ने पहले पुल के बारे में अच्छे से जाना और उसके बाद शुभारंभ किया| वे पुल पर पैदल भी चले| उन्होंने नीचे रेल इन पर खड़ी तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस में सवार यात्रियों और अन्य लोगों का भी हाथ दिखाकर अभिवादन किया|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर बोगीबील पुल का शुभारंभ कर देश को तोहफा दिया| उद्घाटन करने के बाद पीएम ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया और कहा, “आज का दिन ऐतिहासिक है| आज भारत को एक ऐसा पुल मिला है, जो दो राज्य नहीं बल्कि दो दिलों की दूरियों को भी कम करेगा|”
उन्होंने आगे कहा, “अटल जयंती के मौके पर आज देश सुशासन दिवस मना रहा है| भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी का सपना था कि भारत में सुशासन लागू किया जाए और आज सारा देश उनका सपना पूरा कर रहा है| बोगीबील सिर्फ दो राज्यों को जोड़ने वाला पुल नहीं है बल्कि लाखों लोगों की लाइफलाइन है| विकास की यह गति असम के साथ-साथ नॉर्थ-ईस्ट की तस्वीर बदल देगी| यह देश का पहला पूरी तरह से स्टील से बना रेल-रोड ब्रिज है|
उन्होंने आगे कहा, “हेलीकॉप्टर घोटाले का राज़दार जेल पहुंच जाएगा| 4 साल पहले कोई नहीं सोच सकता था| हमारी सरकार मेडिकल सेक्टर में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सख्त कदम उठा रही है| समयसीमा अब सिर्फ कागज पर लिखने की बात नहीं रह गई है| असम में कई प्रोजक्ट्स, जो कई सालों से अधूरे थे, वे या तो पूरे हो चुके हैं, या फिर पूरे होने वाले हैं|”
देश को मिला सबसे बड़े पुल का तोहफा
भारतीय इंजीनियरिंग का नायाब नमूना

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