हार्दिक पटेल पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार से अपने घर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने जा रहे हैं। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा, “उनके घर की ओर आने वाले लोगों को रोका जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है।”
हार्दिक ने दावा किया कि अहमदाबाद की ओर आ रहे हाईवे पर उनके समर्थकों को रोका जा रहा है। साथ ही अब तक करीब 16 हजार लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। चार से ज्यादा लोगों को उनके घर तक नहीं आने दिया जा रहा है। पहचान-पत्र दिखाए बिना किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है।
पाटीदार नेता के मुताबिक, उनके घर पर पानी और पंडाल लगाने का सामान भी नहीं लाने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाटीदार आंदोलन को दो साल पूरे हो चुके हैं। शनिवार से शुरू हो रहे आंदोलन के लिए दो महीने पहले से ही इजाज़त मांगी जा रही थी, जो कि नहीं दी गई।
उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात सरकार अंग्रेजों की तरह काम कर रही है। अनशन को रोकने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे तीन बजे से उपवास पर बैठेंगे।
कांग्रेस हार्दिक के इस अनशन में उनका साथ देती नज़र आ रही है। कांग्रेस पार्टी के तीन पाटीदार नेता ललित कथगरा, ललित वसोया और किरीट पटेल हार्दिक के घर पहुंचे। हार्दिक ने अपने घर में ही अनशन पर बैठने की वजह बताते हुए कहा, “स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से अहमदाबाद में अनशन की इजाज़त नहीं मिली है। ” साथ ही अनशन से पहले हार्दिक ने शुक्रवार यह भी साफ़ कर दिया कि यदि प्रशासन इसकी इजाजत नहीं देता है या अदालत उनकी जमानत रद्द करती है, तब भी वे भूख हड़ताल का फैसला नहीं बदलेंगे। इन सब विवादों को देखते हुए प्रशासन ने हार्दिक के घर के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। हार्दिक के घर से आने जाने वाले हर शख्स से पूछताछ की जा रही है।
जूनागढ़ कलेक्टर द्वारा हार्दिक के आंदोलन के मद्देनज़र पूरे जिले में धारा 144 लगा दी है। हार्दिक पटेल का कहना है कि “पुलिस के अनुमति देने तक वे अपने घर पर ही अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कहा है कि लॉ एंड ऑर्डर सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, जब धारा 144 के तहत अटलजी की अस्थि कलश यात्रा निकाली जा सकती है तो सिर्फ हमारे अनशन पर ही क्यों धारा 144 लगती है।”
गौरतलब है कि तीन साल पहले 25 अगस्त 2015 को ही गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन हुआ था, जिस दौरान काफी उपद्रव हुआ और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था| इस हिंसा में 14 लोगों की मौत हुई थी। तभी से प्रशासन हार्दिक की किसी भी बात को हल्के में लेने की गलती नहीं करना चाहता।
