जहां ‘मेक इन इंडिया’ के तहत मोदी सरकार विदेशी कंपनियों को देश में लाने की कवायद में जुटी है वहीं देश में अलग वॉर छिड़ गई है| प्रधानमंत्री ने जैसे ही नोएडा में सैमसंग यूनिट का उदाहरण किया, यूपी की सियासत में नया भूचाल देखने को मिला| नोएडा में सैमसंग मोबाइल यूनिट के उद्घाटन को लेकर सियासत शुरू हो गई है| इस फैक्ट्री का सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन उद्घाटन करने पहुंचे| अखिलेश यादव इस फैक्ट्री का श्रेय सपा सरकार को दे रहे हैं| उनका कहना है कि सपा सरकार के दौरान ही इस फैक्ट्री की नींव रखी गई थी|
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि केंद्र और यूपी की मौजूदा सरकार दूसरे के किए काम का श्रेय लेने में आगे रहती है| दोनों सिर्फ फीता काटने वाली सरकारें हैं| समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने कहा कि सैमसंग मोबाइल यूनिट को उनकी सरकार ने 2016 में ही मंजूरी दी थी| अखिलेश यादव ने पीएम मोदी द्वारा सैमसंग कंपनी के प्लांट का उद्घाटन करने के बाद ट्वीट कर कहा कि यह सरकार ‘कैंचीवाली सरकार’ है| यह या तो सामाजिक सौहार्द के धागे काट रही है या हमारे कामों के उद्घाटन के फीते|
प्रदेश में दुनिया का जो सबसे बड़ा मोबाइल फ़ोन उत्पादक प्लांट शुरू हो रहा है उसकी शुरुआत हमारी तरक़्क़ी की सोच ने 2016 में ही सैमसंग कम्पनी को हर अनुमति प्रदान करके की थी. ये ‘कैंचीवाली सरकार’ या तो कैंची से सामाजिक सौहार्द के धागे काट रही है या बस हमारे कामों के उद्घाटन के फ़ीते. https://t.co/UErs2sW38E
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 9, 2018
यही नहीं, सपा नेताओं ने नोएडा में कई जगहों पर सैमसंग मोबाइल फैक्ट्री के उद्घाटन को लेकर पोस्टर्स लगाए हैं, जिनमें अखिलेश यादव का धन्यवाद किया गया है| ये पोस्टर सपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सुरेंद्रसिंह नागर ने लगवाए हैं| अखिलेश की मानें तो सैमसंग प्लांट की शुरुआत उनकी तरक्की की सोच ने 2016 में हर अनुमति प्रदान करके की थी, लेकिन श्रेय लेने में केंद्र सरकार हमेशा आगे रहती है|
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने नोएडा के सेक्टर 81 स्थित दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्घाटन किया| सैमसंग कंपनी नोएडा में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का विस्तार कर रही है|

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