भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने ब्याज दर में कटौती कर लोगों को इस दिवाली तोहफा दे दिया है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश की। इसमें रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट यानी चौथाई फीसदी तक की कटौती की गई है (RBI Policy Review)। अब लोगों के होम लोन, ऑटो लोन आदि की ईएमआई कम हो जाएगी।
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आगे भी हो सकती है कमी
आरबीआई ने अपने फैसले में कहा है कि रेपो रेट में आगे भी कटौती की जा सकती है। रिवर्स रेपो रेट घटकर 4.9 फीसद हो गया है। बैंक रेट को 5.40 फीसद पर रखा गया है। केन्द्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि के अनुमानों को 6.9 फीसद से घटाकर 6.1 फीसद कर दिया है। इसके पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की थीं। जिनमें बैंकों का मर्जर, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती, एफडीआई को लेकर नए नियम और हाउसिंग सेक्टर को लेकर कई एलान प्रमुख रहे।
GDP outlook for 2019-20 is revised to 6.1%, from 6.9% in previous Monetary Policy committee meet. For 2020-21, GDP outlook revised to 7.2% https://t.co/WwKb2CbiEy
— ANI (@ANI) October 4, 2019
जानते हैं क्या होती है ‘रेपो रेट’
‘रेपो रेट’ वह दर होती है जिस पर बैंक RBI से लोन लेते हैं। यह बैंकों के लिए फंड की लागत होती है। यह लागत घटने पर बैंक अपने लोन की ब्याज दर भी कम करते हैं।
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इसीलिए हुई रेपों रेट में कमी
आरबीआई (RBI Policy Review) ने अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा की थी, जिसके बाद दरों में कमी की गई थी। वहीं वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5 फीसदी रह गई है, जिस पर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी चिंता जाहीर की थी। वहीं पीएमसी बैंक के संकट से वित्तीय प्रणाली की अनिश्चितता बढ़ गई। पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ महज 6.8 फीसदी रही है, इसके बाद इसके लिए लगाया गया अनुमान पूरी तरह से गलत साबित हुआ। राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.3 फीसदी के लक्ष्य को पार कर जाने की आशंका जताई जा रही है।
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– Ranjita Pathare
