पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf )ने स्वीकार किया है कि ओसामा बिन लादेन(Osama Bin Laden) और जलालुद्दीन हक्कानी (Jalaluddin Haqqani) जैसे आतंकी ‘पाकिस्तानी हीरो’ हैं. साथ ही उन्होंने माना कि पाकिस्तान कश्मीरी युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण देकर भारतीय सेना के खिलाफ लड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर भेजता रहा है. मुशर्रफ के कबूलनामे का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो को पाकिस्तानी नेता फरहतुल्ला बाबर ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है. हालांकि, यह पता नहीं चल पा रहा है कि मुशर्रफ ने ये इंटरव्यू कब दिया था.
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Gen Musharraf blurts that militants were nurtured and touted as 'heroes' to fight in Kashmir. If it resulted in destruction of two generations of Pashtuns it didn't matter. Is it wrong to demand Truth Commission to find who devised self serving policies that destroyed Pashtuns? https://t.co/5Q2LOvl3yb
— Farhatullah Babar (@FarhatullahB) November 13, 2019
इस वीडियो में मुशर्रफ ने कहा, ‘‘1979 से बहुत कुछ बदलता चला आ रहा है। हमने पाकिस्तान के हक में कट्टरपंथियों को बढ़ावा दिया। हम पूरी दुनिया से मुजाहिदीन लेकर आए। हमने तालिबान को ट्रेनिंग दी। उन्हें हथियार दिए। तालिबान, हक्कानी, जवाहिरी और ओसामा बिन लादेन हमारे हीरो थे। अब माहौल बदल गया। ये हीरो अब विलेन बन गए।’’ मुशर्रफ ने कहा, ‘‘1990 के दशक में कश्मीर में आजादी की लड़ाई शुरू हुई थी। वहां के नागरिक भागकर पाकिस्तान आ रहे थे। हमने उन्हें हीरो बताते हुए भारतीय सेना से लड़ने के लिए ट्रेनिंग दी। वे ही आगे चलकर लश्कर-ए-तैयबा जैसे बने। ये पहले धार्मिक कट्टरपंथी हुआ करते थे, जो अपने हक के लिए लड़ते थे। अब ये आतंकियों में बदल गए हैं।’’
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मार्च, 2016 से दुबई में रह रहे 76 वर्षीय रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ 2007 में आपातकाल लगाने के कारण राजद्रोह के मामले का सामना कर हैं. उन्हें इस मामले में 2014 में शामिल किया गया था. सूत्रों का कहना है कि वह एक साल से ज्यादा समय बाद पाकिस्तान की सक्रिय राजनीति में वापस लौटने की योजना बना रहे हैं. इसके लिए वह अपनी पार्टी को फिर से खड़ा करेंगे. वह एक साल से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया. मुशर्रफ को बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) हत्याकांड और लाल मस्जिद के मौलवी की हत्या के मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था.
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-Mradul tripathi
