यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य न्यायाधीश (Harassment allegations on CJI) रंजन गोगोई (Women Protest On Ranjan Gogoi Clean Chit) को सोमवार को क्लीन चित दी गई। अब इस मामले कई महिला वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की अवांछित स्थिति से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट परिसर के आसपास धारा 144 लगा दी गई है।वहीँ पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह महिला के सम्मान और न्याय के लिए यह लड़ाई है। पीड़िता के बयान को गंभीरता से नहीं लिया गया। फैसले के विरोध में लोगों ने नारेबाजी भी की।
जांच कमिटी की मांग (Women Protest On Ranjan Gogoi Clean Chit)
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने मुख्य न्यायाधीश को क्लीन चीट दिए जाने को बड़ी साजिश करार दिया है। उन्होंने आंतरिक जांच कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी ने न्यायालय की आंतरिक समिति द्वारा सोमवार को उन्हें क्लीन चिट दिये जाने के बाद कहा था कि वह बेहद निराश और हताश हैं।भारत की एक महिला नागरिक के तौर पर उसके साथ घोर अन्याय हुआ है और उसका सबसे बड़ा डर सच हो गया और देश की शीर्ष अदालत से न्याय की उसकी उम्मीदें पूरी तरह समाप्त हो गई है।मैं कमजोर और निरीह लोगों को न्याय देने की हमारी व्यवस्था की क्षमता पर विश्वास खोने के कगार पर हूं।
अमर्यादित आचरण के आरोपों मे सीजेआई को क्लीनचिट देने और महिला के आरोपों मे कोई तथ्य न पाए जाने की इन हाउस कमेटी रिपोर्ट के विरोध मे कुछ वकीलों और महिला कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर किया प्रदर्शन। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लिया हिरासत मे।@JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) May 7, 2019
सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल की ओर से वेबसाइट पर जारी नोट में इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के 2003 के पूर्व फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि आंतरिक जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी। दरअसल, अमर्यादित आचरण के आरोपों के मामले में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच कमेटी से क्लीनचिट मिल गई थी। सुनवाई के दौरान कहा गया था कि सीजेआई के खिलाड़ ठोस सबूत नहीं मिले।
