वर्षों से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर आज ऐतिहासिक फैसला (Ayodhya Verdict) आ गया। फैसला आने के बाद से हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्षों में संतोष है। सीजेआई रंजन गोगाई की अध्यक्षता में पाँच जजों की बेंच ने आज यह फैसला सुनाया। फैसला पढ़ते हुए जजों ने कई तर्क दिये और राम मंदिर के निर्माण पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष को भी जमीन का आबंटन किया गया। अदालत ने बाबरी मस्जिद के गुंबद की जगह हिन्दू पक्ष को देने का फ़ैसला किया है। आइये जानते हैं कि आज सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ।
आयोध्या फैंसले को मुस्लिम पक्ष देगा चुनौती: Ayodhya Verdict
Supreme Court: There is no evidence that Muslims abandoned mosque.Hindus always believed birthplace of Lord Ram was in inner courtyard of mosque. Clearly established that Muslims offered prayer inside inner courtyard&Hindus offered prayers in outer courtyard #AyodhyaJudgment
— ANI (@ANI) November 9, 2019
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने 40 दिन तक मैराथन सुनवाई करने के बाद 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई शनिवार को 10.30 बजे शुरू हुई।
Supreme Court: Hindus have faith and belief that Lord Ram was born under the dome. Faith is a matter of individual belief. #AyodhyaJudgment https://t.co/iJ6Lj1SxnS
— ANI (@ANI) November 9, 2019
मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दी जाए: सुप्रीम कोर्ट
- कोर्ट ने सबसे पहले सीजेआई गोगोई ने1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली शिया वक्फ बोर्ड की सिंगल लीव पिटिशन (SLP) को खारिज कर दिया। सीजेआई ने कहा कि बाबरी मस्जिद मीर बाकी द्वारा बनाई गई थी।
- शिया वक्फ बोर्ड कि पिटीशन खारिज करने के बाद कोर्ट ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संदेह से परे है। इसके अध्ययन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने निर्मोही अखाड़ा के दावे को खारिज कर दिया।
- कोर्ट ने कहा कि हिंदुओं की आस्था और उनका विश्वास है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था।हिंदुओं की आस्था और विश्वास है कि भगवान राम का जन्म गुंबद के नीचे हुआ था। यह व्यक्तिगत विश्वास का विषय है। कोर्ट ने माना कि इस बात के प्रमाण हैं कि अंग्रेजों के आने से पहले राम चबूतरा, सीता रसोई पर हिंदुओं द्वारा पूजा की जाती थी। अभिलेखों में दर्ज साक्ष्य से पता चलता है कि हिंदुओं का विवादित भूमि के बाहरी हिस्से पर कब्जा था।
- कोर्ट ने यह भी माना कि मुस्लिम शुक्रवार को विवादित स्थल पर नमाज पढ़ते थे। इससे संकेत मिलता है कि उनका अधिकार खत्म नहीं होता है। मुसलमानों ने मस्जिद नहीं छोड़ी थी। हिंदू भी राम चबूतरा पर पूजा करते थे, लेकिन जब उन्हें अंदर पूजा करने से रोका गया तो वे बाहर पूजा करने लगे।
- कोर्ट ने प्रशासन को मंदिर बनाने के दिये आदेश।
- विवादित जमीन राम लला की।
- केंद्र सरकार राम मंदिर बनाने के नियम बनाएगी।
- मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन कहीं और दी जाएगी।
- केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाएगी ।
- मुस्लिम पक्ष ने किया कोर्ट के फैसले का सम्मान।
- तीन से चार महीने में सरकार को मंदिर बनाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि सभी मुस्लिम भाई फैसले का सम्मान करें। कोर्ट के निर्णय को लेकर कोई पुनर्विचार याचिका नहीं डाली जाएगी। सरकार जहां जमीन देगी वहां मस्जिद बना ली जायेगी।
Ayodhya Verdict Public Reaction : बनेगा राम मंदिर, सोशल मीडिया पर ऐसा है रिएक्शन
– Ranjita Pathare
