नई दिल्ली: केंद्र सरकार असम आधारित प्रतिबंधित उग्रवादी समूह, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (National Democratic Front of Boroland) के साथ सोमवार को समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया है. अब समझौते के बाद इस संगठन की अलग बोडोलैंड (Boroland) राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मांग नहीं करेगी. पिछले 27 सालों में ये तीसरा बोडो (Bodo Representative Has Signed) समझौता है. समझौते पर साइन करने के बाद अमित शाह ने कहा कि इस समझौते से असम और वोडो का भविष्य बेहद उज्ज्वल होगा. शाह (Amit Shah) के अनुसार ,NDFB के 1550 लोग 130 हथियारों के साथ 30 जनवरी को सरेंडर करेंगे. उन्होंने ये भी कहा है कि आने वाले दिनों में उनके सारे वादे पूरे किए जाएंगे.
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Home Minister Amit Shah on agreement with National Democratic Front of Bodoland factions: 1550 cadres along with 130 weapons will surrender on 30th January. As the Home Minister, I want to assure all representatives that all promises will be fulfilled in a time-bound manner. pic.twitter.com/PNDGYFdyYZ
— ANI (@ANI) January 27, 2020
(Bodo Representative Has Signed) त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (home Minister Amit Shah) और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Assam Chief Minister Sarbananda Sonowal) की मौजूदगी में एनडीएफबी (NDFB) के चार धड़ों के शीर्ष नेतृत्व, गृह मंत्रालय (Home Ministry) के संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग और असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण (Chief Secretary Kumar Sanjay Krishna) ने किया. इस बारे में जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, समझौता असम में रहने वाले बोडो आदिवासियों को कुछ राजनीतिक अधिकार और समुदाय के लिए कुछ आर्थिक पैकेज मुहैया कराएगा. अधिकारी ने स्पष्ट किया कि असम की क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखी जाएगी तथा एनडीएफबी (NDFB) की अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की प्रमुख मांग पर विचार नहीं किया जाएगा. एक अन्य अधिकारी ने कहा, समझौता राज्य के विभाजन के बिना संविधान की रूपरेखा के अंदर होगा.
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1/2 Today at 1.30 pm with blessings of PM Sri @narendramodi GoI under the leadership of HM Sri @AmitShah shall sign a historic #BodoAccord by bringing four groups of #NDFB together. All Bodo Students' Union will be a key signatory in this Accord.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 27, 2020
(Bodo Representative Has Signed) आपको बता दें की अधिकारी ने कहा कि गृहमंत्री समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को लेकर बहुत उत्सुक हैं ताकि असम (Assam) में बोडो उग्रवाद समाप्त किया जा सके और राज्य के बोडो बहुल क्षेत्रों में दीर्घकालिक शांति लौटे. समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले एनडीएफबी के चार धड़ों का नेतृत्व रंजन दाईमारी (Ranjan Daimari), गोविंद बासुमातरी (Govind Basumatri), धिरेन बोरो और बी साओरायगरा द्वारा किया जा रहा है. समझौते में सरकार द्वारा बोडो भाषा, संस्कृति और संबंधित मामलों की रक्षा सुनिश्चित किये जाने की उम्मीद है. साथ ही एक आयोग का गठन किये जाने की भी उम्मीद है जो बोडो लोगों को कुछ विशिष्ट राजनीतिक अधिकार मुहैया कराने के संबंध में असम में विभिन्न वर्गों के लोगों के विचार लेगी. एक खेल विश्वविद्यालय और रोजगार उन्मुखी उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना का वादा समझौते में शामिल होने की संभावना है. यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया कि वर्तमान बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल (बीटीसी) का दर्जे को बढ़ाया जाएगा या नहीं.
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