कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही प्रशासनिक फेरबदल शुरू हो गया। अब तक दो दर्जन से ज्यादा जिलों में कलेक्टर बदले जा चुके हैं। सीएम कमलनाथ के इस फैसले से जनता में खुशी की लहर है। नरसिंहपुर में तो जश्न का माहौल है। नरसिंहपुर की जनता होर्डिंग-पोस्टर लगाकर खुशी जाहिर कर रही है। दरअसल, नरसिंहपुर में पदस्थ रहते हुए अभय वर्मा विवादों में घिरे रहे। उनके स्थान पर दीपक सक्सेना की पदस्थापना की गई है।
अभय वर्मा के तबादले की कार्रवाई के खिलाफ जमकर आक्रोश फैल गया था। अंशुल ब्योहार पिता अनिल ब्योहार को अभय वर्मा ने जिले में चुनाव के दौरान अशांति फैलाने की आशंका के कारण चार दिन पहले जिलाबदर कर दिया था। अंशुल के खिलाफ नरसिंहपुर जिले सहित पूरे मप्र में किसी भी थाने में कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है।
अंशुल ने राज्य निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की थी, जिसमें कहा गया था कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बीएल कांताराव के नरसिंहपुर आगमन पर अभय वर्मा के खिलाफ सवाल किए थे, जिस वजह से उसे जिलाबदर किया गया। इस कारण वह मतदान से भी वंचित हो जाएगा। शिकायत के बाद उसे मतदान के लिए अनुमति-पत्र जारी किया गया था।
कलेक्टर की इस कार्रवाई पर पत्रकारों ने भी सवाल उठाए थे। अब अभय वर्मा का तबादला हो गय तो उनके खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है, “लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का दमन कर, पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज़ कर अपने पद औऱ अधिकारों का दुरुपयोग करने वाले अभय वर्मा अब वल्लभ भवन में सरकारी फाइलें खंगालेंगे। देश की संवेदनशील सरकार को जिले के पत्रकारों का धन्यवाद।“
इससे पहले भी अभय वर्मा कई मामलों में विवादों में रहे हैं। सड़क की समस्या को लेकर जनसुनवाई में पहुंचे एक वृद्ध को जेल में बंद करवा दिया गया था। कलेक्टर वर्मा के इस फैसले का काफी विरोध हुआ था। मामला खूब गरमाया था और लोग कलेक्टर के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे।
अब विश्वविद्यालयों में भी तबादले !
अब कांग्रेस के अटलजी
किसानों पर फ़िदा कमलनाथ

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