लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद से ही कांग्रेस पार्टी (Congress party) का हाल बेहाल हो गया है। पहले कांग्रेस अध्यक्ष (Congress president) के नाम पर बवाल हो रहा था, जिसके बाद मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष (Madhya Pradesh Congress President) के नाम पर भी बहस चली जो अभी भी पूरी नहीं हो सकती। अपनी ही पार्टी से खफा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार (Congress Government) पर बड़ा आरोप लगाया है, जिसमें उनका प्राति के प्रति गुस्सा साफ झलका।
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क्या कहा सिंधिया ने ?
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। उन्होने भिंड में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं किया गया है (Jyotiraditya Scindia Target Kamal Nath)। केवल 50 हजार रुपये का कर्ज माफ किया गया है जबकि हमने कहा था कि दो लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। दो लाख रुपये तक के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि वो अन्नदाताओं के साथ कंधा मिलाकर खड़ी रहे। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को प्रति बीघे के हिसाब से 8-30 हजार रुपये तक का मुआवजा मिलना चाहिए। इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात भी की है।
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Jyotiraditya Scindia, Congress, in Bhind, MP: The farm loan waiver of farmers has not been done in totality. Loan of only Rs 50,000 has been waived off even when we had said that loan upto Rs 2 Lakh will be waived off. Farm loan upto Rs 2 Lakh should be waived off. (10.10.2019) pic.twitter.com/6zMW5AyDBu
— ANI (@ANI) October 11, 2019
कांग्रेस से खफा सिंधिया ने इससे पहले भी कांग्रेस के ही नेताओं के खिलाफ बयान दिया था। वहीं कांग्रेस के अन्य नेता भी सरकार के कार्यों पर सवाल उठा चुके हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी कमलनाथ सरकार की इस योजना पर सवाल उठाया था (Jyotiraditya Scindia Target Kamal Nath)। लक्ष्मण सिंह ने भोपाल में कहा था कि हम राज्य में किसानों से किया कर्जमाफी का वादा पूरा करने में सफल नहीं रहे हैं। राहुल गांधी को किसानों से माफी मांगनी चाहिए और उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि कर्जमाफी में कितना समय लगेगा। इससे उन किसानों के बीच अच्छा संदेश जाएगा जो नाराज हैं।
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– Ranjita Pathare
