मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में आज जिला कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर हंगामा हुआ। हंगामा इतना ज्यादा बढ़ गया कि पुलिस को आखिरकार लाठीचार्ज करना पड़ा। दरअसल ऐप-बेस्ड कैब सर्विस ओला (Ola) कैब के चालक अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर से मुलाक़ात करने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। इस दौरान कैब चालकों ने परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान ही एक कैब चालक ने खुद पर कैरोसिन डालकर कलेक्ट्रेट परिसर में ही आत्मदाह का प्रयास भी किया। जब पुलिस ने उस चालक को वहां से हटाने का प्रयास किया तो अन्य कैब चालकों ने हंगामा खड़ा कर दिया। इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में उपस्थित तकरीबन 300 कैब चालकों ने जमकर हंगामा मचाया (Police Laticharge on Ola Cab Drivers)। उन्हें हटाने के लिए मजबूरन पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने पर ओला चालकों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से कई चालकों को गंभीर चोटें आई हैं। इतना ही नहीं एक चालक का हाथ तक टूट गया है।
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Indore: Police lathi-charged cab drivers who were protesting outside District Collectorate earlier today against an app-based cab company for allegedly charging heavy commission from the drivers. #MadhyaPRadesh pic.twitter.com/JoTJkNad81
— ANI (@ANI) August 26, 2019
गौरतलब है कि पिछले लम्बे समय से ऑटो चालक संघ और ओला संचालक के बीच विवाद चल रहा है। दरअसल ऑटो चालक संघ इंदौर शहर में ओला कैब का जमकर विरोध कर रहे हैं। इसी आपसी विरोध के चलते सोमवार को ओला कैब ड्राइवर कलेक्टर लोकेश जाटव से मिलने पंहुचे थे। चालकों का कहना है कि ऐप बेस्ड कंपनी ओला इंदौर शहर में ई-कैब का संचालन कर रही है लेकिन कंपनी के पास ट्रेड सर्टिफिकेट ही नहीं है (Police Laticharge on Ola Cab Drivers)। ऐसे में कंपनी की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से इंदौर शहर में बंद कर दिया जाना चाहिए। इसी मामले को लेकर कैब संचालक और उनके कुछ साथी भी कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे। जब कैब संचालक और उनके साथी कलेक्टर से अंदर ऑफिस में बात कर रहे थे तभी चालकों ने बाहर परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं एक चालक द्वारा आत्मदाह का प्रयास किया गया जिसके बाद पुलिस लाठीचार्ज कर सभी चालकों को परिसर से बाहर खदेड़ना पड़ा।
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आत्मदाह की कोशिश करने वाले चालक इंदर सिंह यादव ने अपने चालक साथियों के लिए एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह की बात भी लिखी थी। उन्होंने अपने पत्र में लिखा – ‘जब से ओला कंपनी इंदौर में आई है, तब से आपके अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ते आया हूं। अब बात अस्तित्व के लिए है। अधिकारियों के लिखित में आश्वासन देने के बाद भी आपको न्याय नहीं दिला पाया हूं। लिहाजा मैंने और मेरे सहयोगी नीलेश गहलोत ने 26 अगस्त को कलेक्टर कार्यालय में सुबह 11 बजे आत्मदाह करने का फैसला लिया है। मेरा फैसला अडिग है।’ इतना ही नहीं आत्मदाह को लेकर इंदर सिंह द्वारा पोस्टर भी बांटे गए थे जिसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं इस मामले पुलिस का कहना है कि वे इस मामले पर जरूरी कानूनी कदम उठा रहे हैं।
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