इंदौर में ‘अदबी कुनबा’ समूह द्वारा आयोजित धार्मिक बौद्धिक कार्यक्रम ‘हमसाज़’ के दूसरे दिन समाज से जुड़े बुद्धिजीवियों और धर्म के प्रवर्तकों ने अपने विचार साझा किए| कार्यक्रम में आयोजित एक सत्र में ‘धर्म और मानवाधिकार’ विषय पर विभिन्न धर्म के प्रवर्तकों और विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी|
इस सत्र में किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी, वरिष्ठ कवि पंडित सत्यनारायण सत्तन, विचारक रजनीश शुक्ला और इस्लाम के प्रवर्तक वाजिद अली ने प्रकाश डाला|
कार्यकम में बोलते हुए आचार्य रजनीश शुक्ला ने बताया कि जब तक धर्म का अनुसरण हम करते आ रहे हैं, तब तक मानवाधिकार का भी ध्यान हमें रखना होगा| उन्होंने कहा कि जिस दिन से मानव व्यवस्था की बात समाज में शुरू हुई, तभी से मानव अधिकार भी हमें विरासत में मिले|
वहीँ वाजिद अली ने इस्लाम में मानव अधिकारी को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि धर्म, मानव और मानवता का निर्माण ईश्वर ने किया है| उन्होंने कहा कि धर्म में मानव को प्रदत्त होने वाली सभी सुविधा ही मानव अधिकार है|
वहीं पंडित सत्यनारायण सत्तन ने अपने चिरपरिचित अंदाज में लोगों को धर्म और मानवाधिकार को लेकर वैदिक उदहारण के साथ अपनी बात साझा की| सत्तन ने कई उदाहरण के माध्यम से लोगों को ‘धर्म और मानव अधिकार’ को समझाया|
किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि समाज में लोगों के लिए होने वाली व्यवस्था ही मानव अधिकार है| यदि ईश्वर ने किसी में कोई भेद नहीं किया तो फिर हम सभी अंतर करने वाले कौन हैं| उन्होंने किन्नर समाज और अखाड़े के बारे में भी अपनी बात रखी|
कार्यक्रम का संचालन अरविन्द शर्मा ने किया|
