विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में एक नया मोड़ आ गया है। मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में झूठे दस्तावेज पेश करने के मामले में वकील संतोष शर्मा ने कांग्रेस के तीन दिग्गज नेताओं सहित चार लोगों के खिलाफ सोमवार को स्थानीय अदालत में परिवाद पेश किया। विधानसभा चुनाव नज़दीक आते देख व्यापमं घोटाले को राजनीतिक पार्टियां बखूबी इस्तेमाल कर रही हैं। जिन तीन नेताओं के खिलाफ यह परिवाद पेश किया गया है, उनमें मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, मध्यप्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शामिल हैं।
इसे भाजपा का पलटवार बताया जा रहा है क्योंकि कांग्रेस ने हाल ही में व्यापमं घोटाले को लेकर शिवराजसिंह चौहान और उमा भारती सहित 18 लोगों के खिलाफ परिवाद दायर किया था। मध्यप्रदेश भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और एडवोकेट संतोष शर्मा ने व्यापमं घोटाले में झूठे दस्तावेज पेश करने के मामले में परिवाद पेश किया है। संतोष शर्मा ने बताया, “मैंने मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में झूठे दस्तावेज पेश करने के मामले में आज विधायकों-सांसदों के व्यापमं मामलों के लिए भोपाल में गठित विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सुरेश सिंह की अदालत में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य और दिग्विजय के खिलाफ परिवाद पेश कर दिया है।” परिवाद में तीनों नेताओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 466 और 468 के अनुसार अदालत को गुमराह करने का आरोप भी लगाया गया है।
मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं द्वारा मेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए ली गई एमपीएमटी परीक्षा एवं सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए ली गई परीक्षाओं में भारी धांधली हुई थी। इस घोटाले की जांच एसटीएफ कर चुकी है। दायर परिवाद में बताया गया कि दिग्विजयसिंह द्वारा दायर परिवाद में जो दस्तावेज कोर्ट में पेश किए हैं, वे झूठे हैं।
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