कहते हैं कि आज से 2737 वर्ष ईसा पूर्व चीन के राजा शेन निंग के लिए पानी उबाला गया था, तब उसमें गलती से एक पत्ती आकर गिर गई| उस उबले हुए पानी को पीकर राजा को बहुत अच्छा लगा, तभी से चाय की शुरुआत हुई| आप शायद नहीं जानते होंगे कि दुनिया में पानी के बाद सबसे ज्यादा चाय ही पी जाती है और वह भी ब्लैक टी| वहीं चाय का चलन बढ़ाने में अंग्रेजों का भी अहम योगदान रहा है| चाइना के बाद सबसे ज्यादा चाय की खेती भारत में ही होती है, लेकिन चाय पीने वाले देशों में भारत के साथ ही कई अन्य देशों का नाम भी शामिल है| आज अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day 2018) पर हम आपको उन देशों के बारे में बता रहे हैं|
हॉन्गकॉन्ग, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूज़ीलैंड, रूस, यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड और तुर्की ऐसे देश हैं, जहां चाय की खपत सबसे ज्यादा होती है| भारत में आज यानी अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (international-tea-day) के मौके पर ‘चाय व्यापारी संघ श्रीगंगानगर’ की ओर से कई जगह पर मुफ्त में चाय पिलाई जा रही है|
सीएम ने कामगारों को दी खुशखबरी
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (international-tea-day) के मौके पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चाय बागान में काम करने वाले कामगारों के कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि आवंटित की है| इस बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर जानकारी दी| ट्वीट में कहा, “आज अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है| हमने साल 2011 से लेकर अब तक चाय बागान में काम करने वाले कामगारों के कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि आवंटित की है| चाय बागान के कामगारों को दो रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 35 किलोग्राम चावल, निशुल्क बिजली और पानी दिया जाएगा|”
ममता बनर्जी का ट्वीट
Today is International Tea Day. In #Bangla, we have allocated more than Rs 1000 crore for the welfare of tea garden workers since 2011. We give 35 kg rice at Rs 2 per kg, electricity, and water supply for free to tea gardens. Tea tourism is also under our consideration
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 15, 2018
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