चीन से विवाद के बाद उसने 10 भारतीय सैनिकों को रिहा किया जिस पर मोदी सरकार फुले नही समा रही है जबकि सैनिकों की रिहाई एक नियम के तहत हुई है . सीमा पर गश्त प्रोटोकॉल के अनुसार, LAC पर संघर्ष के दौरान हिरासत में लिए गए सैनिकों को जल्द से जल्द लौटाए जाने का नियम रहा है जिसमे सरकार का कोई किरदार नही होता है. हाल ही में चीन-भारत सीमा विवाद में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए जबकि अन्य चीन की हिरासत में थे जिन्हें चीन ने 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भी रिहा करने से मना कर दिया था .
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इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद चीन ने उन्हें रिहा किया. गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद चीन ने भारतीय सैनिकों को तीन दिनों तक कैद रखा. पीएलए के साथ तीन दिनों तक बातचीत के बाद भारतीय सेना के जवानों की रिहाई हुई. सूत्रों ने कहा कि सैनिकों के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया था. गलवान नदी के दक्षिणी तट पर हुई इस घटना में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. सीमा पर गश्त प्रोटोकॉल के अनुसार, LAC पर संघर्ष के दौरान हिरासत में लिए गए सैनिकों को जल्द से जल्द लौटाए जाने का नियम रहा है.
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भारतीय सेना ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शामिल कोई भी भारतीय सैनिक लापता नहीं है. चीन ने सभी 10 भारतीय जवानों को रिहा कर दिया. जवानों में कोई भी चोटिल नहीं है. सेना ने कहा है कि इलाके से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर बातचीत अगले सप्ताह जारी रहेगी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है गलवान नदी शायोक नदी में जाकर मिलती है है और इसी नदी के ताड पर जवान शहीद हुए थे .
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