पाकिस्तान सरकार चौतरफ़ा दबाव के चलते जैश चीफ मसूद अजहर और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को सज़ा सुनाने के बाद अब दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है. पाकिस्तान (Pakistan) पर फाइनेंशियल टास्क फ़ोर्स (FATF) के बढ़ते दबाव के चलते इमरान सरकार (Imran Khan) को आतंकी नेटवर्क और टेरर फंडिंग (Terror Funding) के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा सो दाऊद ने अपने परिवार के खास सदस्यों को पाकिस्तान से बाहर भेज दिया है.
सूत्रों के मुताबिक दाऊद का बेटा और दो छोटे भाइयों के बच्चे पाक से बाहर भेजें गए हैं.इस बारे में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दाऊद का छोटा भाई मुस्तकीम अली कासकर पहले से ही दुबई में बसा हुआ है. वह संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और कतर में डी कंपनी के वैध कारोबार की देखभाल करता है. मुस्तकीम की संयुक्त अरब अमीरात में गारमेंट फैक्ट्री है. कथित तौर पर वह डी फैमिली के उन करीबी रिश्तेदारों की देखरेख करता है, जिन्हें हाल में कराची से दुबई भेजा गया था. सूत्रों के मुताबिक कराची में डिफेंस हाउसिंग एरिया में रहने वाला दाऊद का भाई अनीस इब्राहिम का भी पिछले दो हफ्तों से पता नहीं है. दाऊद का खास और उसका वसूली का काम संभालने वाला छोटा शकील भी इन दिनों कहीं छिपा हुआ है. इससे पहले दाऊद ने अपनी बड़ी बेटी माहरुख के लिए पुर्तगाली पासपोर्ट का इंतजाम किया था. माहरुख की शादी पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे जुनैद से हुई है. दाऊद अभी कराची से अपना कारोबार चला रहा है.
1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट के मामले में आरोपी अनीस इब्राहिम ने डी कंपनी का कारोबार देखने के लिए पहले ही अपने बच्चों को मिडिल ईस्ट के देशों में शिफ्ट कर दिया था. अभी वह सिंध प्रांत के कोटली इंडस्ट्रियल एरिया में मेहरान पेपर मिल का काम देखता है. यह मिल कराची से 154 किमी दूर है. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की सरपरस्ती में इस पेपर मिल में कथित रूप से जाली भारतीय करेंसी की छपाई होती है. इससे पहले अमेरिकी एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ऑफिस ऑफ फॉरेन असेट्स कंट्रोल ने पाकिस्तान सरकार से इस पेपर मिल को बंद कराने के लिए कहा था.
