देश में एससी-एसटी एक्ट को लेकर घिरी सरकार का अब मध्यप्रदेश में बड़ा विरोध हो सकता है। विधानसभा चुनाव से पहले सामान्य वर्ग की नाराज़गी को लेकर अब भाजपा में भी चिंता की लकीरें साफ तौर पर दिखाई दे रही हैं। ऐसे में आगामी 25 सितंबर को होने वाले कार्यकर्ता महासम्मेलन से पहले भाजपा सवर्ण समाज को साथ लाने की कवायद करने में जुट गई हैं।
अब इस विरोध को रोकने के लिए भाजपा संगठन सवर्ण नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। सवर्ण नेता ही अपने लोगों के बीच में जाकर पार्टी के कार्यों से अवगत करवाएंगे। 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भोपाल आएंगे। इस कारण भाजपा संगठन की कोशिश है कि एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हुए विरोध के शोर को अब थाम दिया जाए। इसके चलते संगठन महामंत्री रामलाल ने भाजपा नेताओं की बैठक में साफतौर पर निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सवर्ण वर्ग में जो सरकार के प्रति गुस्सा है, उसे संवाद के जरिये ही शांत किया जा सकता है। उन्होंने भाजपा नेताओं को सवर्ण समाज से संवाद स्थापित करने और शांति बरतने की अपील करने के निर्देश दिए।
ये नेता निभाएंगे भूमिका
प्रदेश में सवर्ण समाज को साधने के लिए भाजपा के कई बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। इनमें प्रदेश के जनसंपर्क और जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और सांसद अनूप मिश्रा को आगे किया गया है। इसके अलावा सामान्य वर्ग से आने वाले कई बड़े नेता भी सवर्ण समाज के प्रतिनिधियों से संपर्क कर सकते हैं। इनमें खुद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेशसिंह, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चैहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर और कई विधायक भी शामिल होंगे।
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