साल 2018 में कई बड़ी घटनाएं हुईं जिन्हें याद किए बिना इस वर्ष को अलविदा कहना शायद थोड़ा गलत होगा। इस वर्ष की उन्हीं घटनाओं पर एक नज़र।
इसरो की बड़ी कामयाबी-
2018 में इसरो ने 12 बड़ी कामयाबियां हासिल कीं। 12 जनवरी, 2018 को कार्टोसैट -2 भेजा गया, 14 नवंबर, 2018 को जीसैट-29 लांच किया गया। यह इसरो का सबसे भारी उपग्रह है। इसे भारत ने अपने ही रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 डी टू से भेजा। यह इसरो और देश के लिए बहुत बड़ी कामयाबी के तौर पर दर्ज किया गया।
महिलाओं ने पार किया समुद्र-
उफनते समुद्र के बीच लहरों पर भारतीय सेना की महिला अधिकारियों नेे साहस, आत्मविश्वास, सूझबूझ और धैर्य की मिसाल पेश की। 254 दिन के मुकाबले में तीन महासागर, चार महाद्वीप और पांच देशों की साहसिक यात्रा इन महिलाओं ने पूरी की। इस सफर में एक वक्त ऐसा भी आया जब अधिकारियों को पीने के पानी के लिए बूंद-बूंद को तरसना पड़ता था और समुद्र के बीच प्यास लगने पर बारिश का इंतजार करना पड़ा। लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में इस दल में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी स्वाति और लेफ्टिनेंट ए विजया देवी, बी ऐश्वर्य तथा पायल गुप्ता भी शामिल थीं।
समलैंगिक रिश्तों पर बड़ा फैसला-
दुनियाभर में समलैंगिक रिश्तों को लेकर चल रही लड़ाई में भारतीय समलैंगिगों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया। धारा 377 को सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान विरोधी बताते हुए समलैंगिक रिश्तों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया। इसी तरह के दूसरे मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आईपीसी धारा 497 के तहत जुर्म व्यभिचार को भी अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया।
थाईलैंड की गुफा में फंसे खिलाड़ी-
थाईलैंड के चिआंग राइ में लुआंग नांग नॉन गुफा में फंसी जूनियर फुटबॉल टीम के 13 सदस्यों के बचाव अभियान पर पूरी दुनिया की नज़रें टिकी रही। इस अभियान में दुनियाभर के 10 हजार लोगों ने योगदान दिया। 23 जून, 2018 को फंसी टीम को 10 जुलाई को सही सलामत वापस निकाल लिया गया। इस बचाव अभियान के लिए गुफा विशेषज्ञ वर्न अन्सवर्थ और इलॉन मस्क को काफी सराहा गया। थाई नेवी सील्स ने बचाव अभियान की शुरुआत की, लेकिन बारिश के गंदे पानी की वजह से कामयाब नहीं हो सके, तो थाई सरकार ने ब्रिटिश केव रेस्क्यू काउंसिल से मदद ली। आखिर में बचाव अभियान सफल रहा।
फेसबुक और फेक न्यूज-
हमारे बारे में जो बातें हम नहीं जानते या कोई दूसरा नहीं जानता, उन्हें फेसबुक जानता है। उन्हें हमारी पसंद-नापसंद, चाहत, नफरत, निराशा और उम्मीदों के बारे में पता है। इस खबर ने भी 2018 में लोगों को चिंता मंे डाल दिया। फेसबुक जैसी कंपनी पर लोगों की निजी जानकारियांे को बेचने के आरोप लगे। फेसबुक द्वारा कैंब्रिज एनालिटिका को अपने यूजर्स का डेटा बेचना सीधे तौर पर निजता के भरोसे की नीलामी थी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर छापी कि कैंब्रिज एनालिटिका ने 50 मिलियन फेसबुक यूजर्स का डाटा बिना इजाजत इस्तेमाल किया है। डाटा चुराने का आरोप अलेक्जेंडर कोगन पर लगा। लेकिन शुरुआती गलती फेसबुक की थी। बाद में फेसबुक ने इस मामलें में अपनी गलती भी मानी।
व्हाट्सएप और फेक न्यूज़ अभियान-
लगातार गलत खबरों को प्रचारित किए जाने और बढ़ती अफवाहों के चलते व्हाट्सएप को भारत में एक अभिायन चलाना पड़ा। यह पहली बार हुआ जब किसी मैसेजिंग कंपनी द्वारा अफवाहों को रोकने के लिए लोगों से अपील की गई। व्हाट्सएप ने विज्ञापन के जरिए लोगांे से अफवाह नहीं बल्कि खुशियां फैलाने की अपील की।
क्रिप्टोकरेंसी और अपराध-
क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह वर्ष एक खौफनाक सपने की तरह बीता। 15 दिसंबर 2017 को एक बिटकॉइन की कीमत 19650 यूएस डॉलर थी। इस वर्ष 15 दिसंबर को इसकी कीमत 3183 यूएस डॉलर पर पहुंच गई। मूल्य में करीब 80 फीसदी की कमी ने दुनियाभर के निवेशकों की खरबों की पूंजी तबाह कर दी। इसके अलावा यह दुनियाभर में अपराध और आतंक की पूंजी के तौर पर भी पहचानी जाने लगी है। क्रिप्टोकरेंसी को दुनियाभर में निजता और सुरक्षा की पूंजी के तौर पर देखा जाता था लेकिन यह निजता अपराध का जरिया बन गई और सुरक्षा के दावे खोखले साबित हुए।
गूगल पर जुर्माना-
इस वर्ष 18 जुलाई को यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने इंटरनेट सेवाएं देने वाली कंपनी गूगल पर 4.3 अरब यूरो का जुर्माना लगाया। गूगल ने अपने ब्राउजर और सर्च इंजन के बाजार में विस्तार के लिए एंड्रायड के दबदबे का दुरुपयोग किया था। इससे पहले यूरोपीय संघ ने अमेरिका की दो अन्य बड़ी कंपनियों एप्पल और फेसबुक पर भी भारी जुर्माना लगाया था।
सरकारें सोती रहीं, बैंक लुटते रहे-
देश में एक तरफ जहां किसान छोटे से कर्ज के बोझ तले आत्महत्या करते रहे, वहीं बड़े उद्योगपति 2018 में भी कर्ज लेकर भारत से भाग गए। विजय माल्या, नीरव मोदी के बाद 2018 में इस सूची में नीरव मोदी और मेहूल चैकसी का भी नाम जुड़ गया।ये दोनों पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी हैं। सरकार ने इस दोनों डिफाल्टरों की करोड़ों की संपत्ति को राजसात किया, लेकिन इन्हें भारत वापस लाने में सरकार भी नाकामयाब रही।
ट्रंप और किम जोंग की मुलाकात-
कभी जापान के सिर के ऊपर से मिसाइल परीक्षण, तो कभी अमरीका को परमाणु हमले की धमकी देने के बाद 2018 में अमरीकी प्रशासन ने साहस दिखाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन की मुलाकात को मुकम्मल किया। 50 मिनट की इस बैठक का नतीजा यह निकला कि अमरीका ने उत्तर कोरिया को सुरक्षा गारंटी देने का वादा किया। वहीं किम ने परमाणु निरस्त्रीकरण और मिसाइल लांचपैड नष्ट करने का वादा किया। इस मुलाकात से दुनिया में शांति और समृद्धि के नए विकल्प के रुप में देखा गया। दो देशों के प्रमुखों की इस बैठक को दुनिया की सबसे बड़ी मुलाकात के तौर पर देखा गया।
2018 की बड़ी घटनाएं जिन्हें आपको पढ़ना चाहिए
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