योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने कोरोना के इलाज के लिए कोरोनिल नमक दावा बना लेने का दावा किया लेकिन इसके लिए वे आयुष मंत्रालय की अनुमति लेना भूल गए . अब मामला सरकारी नियमों में फंस गया है. आयुष मंत्रालय ने फिलहाल दवा के विज्ञापन पर रोक लगाते हुए पतंजलि से तमाम जानकारी की मांग की है. जवाब में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने कहा है कि मंत्रालय को जानकारी दे दी गई है.
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केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने इस पर बात करते हुए कहा कि बाबा रामदेव को अपनी दवाई की घोषणा बिना किसी मंत्रालय से अनुमति लिए मीडिया में नहीं करनी चाहिए थी. हमने उनसे जवाब मांगा है और पूरे मामले को टॉस्क फोर्स को भेजा है. बाबा रामदेव से जो जवाब मांगे गए थे, उन्होंने उसका जवाब दिया है. आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि पतंजलि के जवाब और मामले की टास्क फोर्स समीक्षा करेगी कि उन्होंने क्या-क्या फार्मूला अपनाया है. उसके बाद उनको अनुमति दी जाएगी, लेकिन जो प्रोटोकॉल उसके मुताबिक दवाई बनाने को लेकर दवाई को मार्केट में लाने को लेकर पंतजलि को आयुष मंत्रालय से पहले अनुमति लेनी चाहिए थी.
आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि इजाजत नहीं लेना ही हमारी आपत्ति है .अगर कोई दवाई लेकर मार्केट में आता है और बनाता है तो ये खुशी की बात है. उससे किसी को एतराज नहीं है. आयुष मंत्रालय भी अपनी दवाई पर काम कर रहा है और जुलाई महीने तक आयुष मंत्रालय भी कोरोना वायरस की दवाई लेकर मार्केट में आ सकता है. गौरतलब है कि कल बाबा रामदेव ने प्रेस वार्ता कर कोरोना की दवा कोरोनिल बना लेने का दावा किया था . बाबा रामदेव के मुताबिक, दवा के दो ट्रॉयल पहला क्लिनिकल कंट्रोल स्टडी और दूसरा क्लीनिकल कंट्रोल किये गए है.
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