एक ओर जहाँ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन का नाम तक लेने से परहेज कर रहे है वहीँ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार चीन के खिलाफ बोलने से गुरेज नही कर रहे है . अब उन्होंने कहा है कि दोबारा सत्ता में आने पर चीन पर देश की निर्भरता को खत्म करना उनकी प्राथमिकता होगी. वह चीन से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की बात को कभी नहीं भूलेंगे. ट्रम्प ने तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक रेली में न्यूपोर्ट वर्जीनिया में कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत थी, ”तभी चीन से वायरस आ गया”.
उन्होंने कहा, ”उन्हें ऐसा कभी नहीं होने देना चाहिए था. हम यह भूलेंगे नहीं. हमने (आर्थिक गतिविधियों को) बंद कर दिया और लाखों लोगों का जीवन बचाया. हमने अब इसे खोल दिया है.” ट्रम्प ने कहा कि यदि वह फिर सत्ता में आते हैं, तो वह अमेरिका को दुनिया में विनिर्माण की महाशक्ति बनाएंगे. उन्होंने कहा, ”हम चीन पर अपनी निर्भरता हमेशा के लिए समाप्त कर देंगे.”
ट्रम्प ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद चीन के साथ संबंध उनके लिए खास मायने नहीं रखते. उन्होंने चीन के प्रति गहरी निराशा जताई. उन्होंने कहा, ”मेरे चीन के राष्ट्रपति शी (चिनफिंग) के साथ बहुत अच्छे संबंध थे, लेकिन यह महामारी आ गई… हमने अच्छा व्यापार समझौता किया था, लेकिन मेरे लिए अब यह पहले की तरह नहीं है. क्या इसका अब कोई अर्थ है?” अमेरिका और चीन ने वर्ष की शुरुआत में एक व्यापार समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर किए थे. ट्रम्प ने चीन के साथ इस समझौते पर फिर से बातचीत करने से इनकार कर दिया है.
