दोस्तों आप जब कभी नौकरी की तलाश में जाते है आपसे जब आपकी पुरानी सैलरी या वर्तमान सैलरी के लिए पुछा जाता है (Thousand Got Symbol Of K) तो आप कहते है 40 K , 50 K जिसका मतलब होता है 40 हजार या 50 हजार इसके अलावा आपने इंटरनेट (internet) पर कई जगह देखा होगा की हजार को दर्शाने के लिए K का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन फिर आप सोचते होंगे की हजार को तो इंग्लिश (english) में Thousand कहा जाता है तो फिर T का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता है दोस्तों मै आज आपको बताऊंगा की आखिर हजार को दर्शाने के लिए K का ही इस्तेमाल क्यों करते है दोस्तों ऐसा इसलिए है क्योंकि K किलो को दर्शाता है और ग्रीक भाषा में किलो का अर्थ हजार होता है जैसे की 1 किलोग्राम (kilogram) एक हजार ग्राम के बराबर होता है और 1 किलो मीटर एक हजार मीटर के बराबर होता है। आपको बता दें की किलो शब्द की उत्पति ग्रीक भाषा के शब्द KHILIOI से हुई है जिसका मतलब हजार होता है।
दोस्तों जब फ्रांस के कुछ वैज्ञानिक मैट्रिक सिस्टम तैयार कर रहे थे तो उन्होंने हर यूनिट को उसके पहले वाली यूनिट से 10 गुना ज्यादा और बाद वाली यूनिट से 10 गुना कम रखा इसी तरह वजन वाली यूनिट्स के लिए मीटर की जगह ग्राम और और मात्रा वाली यूनिट के लिए लीटर का उपयोग किया इसलिए जब हजार वाली इकाई का नाम रखना था तो किलो शब्द को चुना गया
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अब करते है भारतीय मुद्रा के चिन्ह की बात आपको बता दें की 15 जुलाई 2010 को रुपये का प्रतीक चिन्ह (Thousand Got Symbol Of K) स्वीकृत हुआ और आपको बता दें की रुपये के प्रतीक चिन्ह में देवनागरी और रोमन लिपि के आर की अद्भुत जुगलबंदी है। देखने में यह एक सीधा-सादा देसी प्रयोग लगता है, लेकिन इसमें गूढ़ अर्थ छिपे हैं। स्वयं इसके रचयिता उदय कहते हैं कि वे रुपये के लिये एक ऐसा प्रतीक बनाना चाहते थे जिसमें भारत और उसकी सांस्कृतिक पहचान सबसे ऊपर हो। देसी होने के साथ वह ग्लोबल भी हो। वास्तव में इसमें वह सब कुछ है, जो रुपये की भारतीय पहचान बनाने के साथ उसे अंतरराष्ट्रीय दर्जा भी दिलायेगी। र के ऊपर की लेटी दो लाइनें अशोक चक्र के साथ तिरंगे का प्रतीक बनाती हैं तो यही लाइनें गणित के बराबर का भी बोध कराती हैं। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक ठेकेदार के यहां 10 अक्तूबर 1978 में जन्मे उदय कुमार धर्मालिंगम को रुपये के इस प्रतीक चिन्ह को बनाने में लगभग चार माह लगे। वे कहते हैं कि जब इस प्रतियोगिता की घोषणा हुई थी, तभी से मैं इस काम में लग गया था और डिजाइन सबमिट करने के अंतिम दिन तक इस काम में लगा रहा।
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तीन हजार (Thousand Got Symbol Of K) डिजाइनरों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था। अंतिम पांच डिजाइनों में उदय के प्रतीक चिन्ह पर केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी की अपनी मुहर लगा दी। उदय को इस डिजाइन के लिये ढाई लाख रुपये मिलेंगे। खुशमिजाज उदय का रूझान शुरू से ही डिजाइन की तरफ रहा है। उन्होंने चेन्नई के अन्ना यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उन्होंने मास्टर इन डिजाइन की डिग्री आईआईटी मुंबई से हासिल की।
उन्होंने तमिल टाइपोग्राफी (Stenographer) पर अपनी पीएचडी पूरी की है। (Thousand Got Symbol Of K) उन्होंने पराशक्ति नाम के तमिल फांट की डिजाइन भी की है। उदय के डिजाइनिंग संसार (Designing world) में ग्राफिक्स डिजाइन, टाइपोग्राफी, टाइप डिजाइन और डिजाइन रिसर्च शामिल हैं। सरकार के द्वारा यह तय किया गया कि अब उनके द्वारा डिजाइन किया रुपया ही चलेगा।
सरकार का ऐलान जो 87 से पहले भारत में जन्मा बस वही भारतीय
-Mradul tripathi
