बॉलीवुड की मशहूर गायिका कनिका कपूर (Kanika Kapoor) का कोरोना (Coronavirus) टेस्ट पॉजीटिव मिला है। इसके बाद उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनके माता-पिता को घर में ही क्वारंटाइन किया गया है। एक टीवी चैनल से बात करते हुए कनिका कपूर ने उन सभी खबरों का खंडन किया है जिसमें यह कहा जा रहा है कि वह एयरपोर्ट से छुपकर भागी थी और वह दो से तीन पार्टियों में गई जहां उनके संपर्क में तीन से 400 लोग आएं हैं। लेकिन अधिकारी उनके द्वारा जांच नहीं कराए जाने और एयरपोर्ट से भाग निकलने की बात कह रहे हैं। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कनिका कपूर के मामले में लापरवाही कहां हुई है। आइए समझते हैं इस पूरे मामले को और आपको बताते हैं कि अपने साथ ही कनिका कपूर ने कितने लोगों की जान खतरे में डाली है।
#kanikakapoor episode just shows that Stardom & Money and privilege doesn’t guarantee minimum common sense. Their irresponsible behaviour can upset the fight against #coronavirus which till date has been reasonably contained in India pic.twitter.com/CpD3yozpjh
— Rishi Bagree (@rishibagree) March 20, 2020
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ऐसे में कनिका कपूर (Kanika Kapoor) के वाकये को देखकर अब कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं। जैसे- कनिका कपूर जब लंदन से आईं तो एयरपोर्ट पर उनकी स्क्रीनिंग कैसे नहीं हो पाई? क्योंकि कनिका ने कहा कि वह जब आईं थी, तब उनमें इसके लक्षण नहीं थे। यदि अधिकारियों के इस दावे को भी सही मान लें कि कनिका कपूर बिना जांच के ही भाग गई थीं, तो सोचिए इस तरह कितने और ऐसे लोग होंगे जो विदेश से आते तो रहे हैं लेकिन जांच के बिना ही अपने घर पहुंच रहे हैं? कनिका जब लंदन से लौटी थी तो स्वास्थ्य अधिकारियों (health authorities) ने उन्हें आईसोलेशन (Isolation) में क्यों नहीं रखा? कनिका की जांच करने वाले अधिकारियों ने जब उनकी स्क्रीनिंग ठीक से नहीं की तो सोचिए रोजाना विदेश से आने वाले कई लोगों की स्कैनिंग में भी कितनी लापरवाही होगी? कनिका अपने दोस्त की पार्टी में सांसद दुष्यंत कुमार (Dushyant Kumar) से मिली थीं। जो बाद में संसद के सत्र में भी शामिल हुए, सोचिए वायरस कहां तक गया होगा? कनिका ने उसी पार्टी में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री (UP Health Minister) से भी मुलाकात की थी, जो कि बाद में कई सार्वजनिक स्थलों पर भी पहुंच रहे हैं? उसी पार्टी में कई दूसरे अधिकारियों सहित करीब 100 से ज्यादा लोग थे, यानि इस वायरस के सोसायटी में फैलने का खतरा कितना ज्यादा बढ़ सकता है? कनिका 09 मार्च को लंदन से लौटी थी और उन्हें कोविड-19 (COVID-19) का संक्रमण है इसका खुलासा 20 मार्च को हुआ। यानि इन 11 दिनों में कनिका जिस किसी से भी मिली उस तक भी कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलने का खतरा बना हुआ है।
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क्या है कनिका कपूर का आरोप
कनिका कपूर (Kanika Kapoor) ने आरोप लगाया है कि जहां उन्हें रखा गया है वहां उनके साथ बुरा व्यवहार हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे बुखार है और एक अस्पताल में हूं। यहां खाने और पीने को पानी भी नहीं है। मेरा क्या इलाज होगा मुझे नहीं पता है। यहां एक डॉक्टर ने मुझे डराया कि आप कुछ गलत करके आई हैं और हम आपके खिलाफ केस दर्ज कराने जा रहे हैं और इसके चलते मैं थोड़ी घबराई हुई हूं।
कनिका का झूठ
कनिका कपूर (Kanika Kapoor) ने कहा कि वह लखनऊ में जिस पार्टी में गई थी, वहां केवल 10 लोगों से मिली थी, जबकि उनके पिता ने कहा कि कनिका ने इस दौरान करीब 400 लोगों से मुलाकात की है।
कनिका की सफाई
कनिका कपूर (Kanika Kapoor) को लेकर अधिकारियों ने कहा कि वे एयरपोर्ट पर बिना जांच करवाए भाग गईं। जबकि उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मैं एयरपोर्ट से छिपकर क्यों निकलूंगी और कैसे निकलूंगी। ये बात क्यों और किसने फैलाई है मुझे नहीं पता है। एयरपोर्ट पर मेरा मेडिकल चेकअप हुआ था और मैंने फॉर्म भी भरा था। जब मैं भारत लौटी थी तो मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक थी लेकिन पिछले तीन दिनों से मेरी तबीयत खराब हुई है। मैंने खुद ही सीएमओ (CMO) को फोन करके अपनी बीमारी के बारे में बताया था। उन्होंने मुझे कहा था कि आप घर में आराम करें और उन्हें मेरा टेस्ट करने में दो दिन का समय लगा। दो दिन बाद जब मेरा टेस्ट हुआ तो वो पॉजीटिव आया।
पार्टी में किनसे मिलीं कनिका
कनिका (Kanika Kapoor) ने कहा कि मेरे दोस्त के घर एक छोटी पार्टी थी, जिसमें मैं भी गई थी। इसके अलावा में किसी और दूसरी पार्टी में नहीं गई हूं। इस पार्टी में यूपी सरकार के कई अधिकारी और मंत्री शामिल थे। मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि यह किसी को नहीं फैले, मेरे परिवार में लोग दस्ताने पहनकर घर में रहते हैं। कुल मिलाकर कनिका कपूर के इस मामले में कई तरह की लापरवाहियां भी नज़र आ रही हैं, जो यह साफ करती है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर भी देश का स्वास्थ्य अमला कितना ज्यादा लापरवाह हो सकता है। सरकार जहां एक ओर इसे रोकने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है। प्रधानमंत्री जहां टीवी पर आकर लोगों से जनता कर्फ्यू में सहयोग करने की अपील कर रहे हैं। वहां स्वास्थ्य तंत्र की यह चूक भारत को कहीं ज्यादा भारी पड़ सकती है।
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