सरकार ने कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए कई उपाय किए हैं| अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकरदाताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि आय कम दिखाकर और कर छूट के दावों को बढ़ा-चढ़ाकर गलत आयकर रिटर्न न भरें| ऐसा करने पर आपको जेल जाना पड़ सकता है|
आयकर विभाग के अनुसार, करदाता किसी सीए या क़ानूनी सलाहकार की सलाह मानकर कर बचाने के लिए कोई गलत दावा करता है तो इसे कर चोरी के अंतर्गत जुर्म माना जाएगा| अब ऐसे मामलों में करदाताओं के साथ-साथ क़ानूनी सलाहकार भी फंस सकते हैं|
आईटी अधिनियम में जुड़े नए प्रावधान के अनुसार, यदि कोई गड़बड़ी साबित हो जाती है तो आय पर टैक्स का 50% हिस्सा जुर्माना लगेगा| हालांकि, यदि गलत दस्तावेज लगाकर गलत आय बताई गई है तो यह जुर्माना बढ़कर 200% हो जाएगा| इसमें सेक्शन 276 सी के तहत कार्रवाई होगी| ऐसे मामलों में छह माह से 7 साल तक सजा का प्रावधान है| जुर्माना 25 लाख रुपए तक हो सकता है|
आय कैश क्रेडिट, अघोषित निवेश, अज्ञात धन, निवेश की रकम गलत बताने और खर्चों की सही जानकारी न देने पर भी जुर्माने का प्रावधान है| यदि रिटर्न की प्रोसेसिंग के दौरान पता चला कि टैक्स ऑडिट नहीं करवाया गया तो भी जुर्माना लगेगा, ये सिर्फ व्यापारियों या कंपनियों के लिए है|
