आयकर रिटर्न जमा नहीं करने और समय पर कर का भुगतान नहीं करने वालों पर सरकार शिकंजा कसने जा रही है| इस कार्य के लिए वित्त मंत्रालय मामले में दोषियों को नोटिस भेजने की तैयारी में हैं| अभी तक 65 लाख लोगों का नाम चुना जा चुका है, जिन्होंने कर संबंधित कोई न कोई लापरवाही की है|
बताया जा रहा है कि सरकार लोगों को एक और मौका देते हुए नोटिस जारी कर उनसे रिटर्न न भरने के कारणों के बारे में पूछेगी, जिसके बाद उन्हें कर के भुगतान एवं आयकर विवरणी फ़ाइल करने का मौका दिया जाएगा| गौरतलब है कि केंद्र सरकार के अधिक से अधिक कर का भुगतान करने वाली योजना से वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार को प्रत्यक्ष कर के रूप में अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपए मिले हैं|
सरकार लोगों को मैसेज और कॉल के माध्यम से कर का भुगतान करने के लिए जागरूक कर रही है, जिससे इस वर्ष के राजस्व में वृद्धि हुई है| कहा जा रहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 में डेढ़ करोड़ नई संस्थाएं बढ़ी हैं, जिन्होंने स्वेच्छा से रिटर्न भरा|
अब वित्त मंत्रालय का कहना है कि रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी अभी काफी करदाताओं ने रिटर्न नहीं भरा है, जिन्हें मौजूदा वित्त वर्ष में टारगेट किया जाएगा| एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपए के नोटों में 10 लाख या उससे ज्यादा जमा किए थे|
