राजस्थान विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। पार्टियों ने अपने सैनिकों को मैदान में उतार दिया है। चुनाव में वंशवाद की झलक साफतौर पर देखी जा रही है। पार्टियों ने कई ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है। आइए जानते हैं कि भाजपा ने किन -किन उम्मीदवारों को उतारा है, जो राजनीतिक विरासत को संभाल रहे हैं।
शैलेष सिंह – डीग कुम्हेर
भरतपुर जिले की डीग कुम्हेर सीट से कांग्रेस विधायक विश्वेंद्रसिंह के सामने भाजपा ने शैलेषसिंह को टिकट दिया है। शैलेष भाजपा के दिग्गज नेता दिगंबरसिंह के पुत्र हैं।
रामस्वरूप लांबा – नसीराबाद
पूर्व सांसद और दिग्गज भाजपा नेता दिवंगत सांवरलाल जाट के बेटे रामस्वरूप को इस बार भाजपा ने नसीराबाद विधानसभा से टिकट दिया है। हालांकि पिछली बार अजमेर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में रामस्वरूप को हार मिली थी।
कैलाश मेघवाल – पिलानी
भाजपा के दिग्गज नेता सुंदरलाल काका के बेटे कैलाश मेघवाल को झुंझुनूं जिले की पिलानी सीट से टिकट दिया गया है।
हेमंत मीणा – प्रतापगढ़
वसुंधरा सरकार में मंत्री नंदलाल मीणा ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। उनकी जगह प्रतापगढ़ सीट से उनके बेटे हेमंत मीणा को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।
राजेंद्र-बामनवास
सवाई माधोपुर जिले की बामनवास विधानसभा से भाजपा ने पूर्व विधायक कुंजीलाल के बेटे राजेंद्र को चुनावी मैदान में उतारा है।
गुरवीर सिंह – सादुलशहर
श्रीगंगानगर जिले की सादुलशहर सीट से पार्टी ने विधायक गुरजंतसिंह के बजाय उनके पोते गुरवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
