राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीत की कवायद में जुट गई है। पार्टी जीते के लिए नई-नई रणनीति पर काम कर रही है। वहीं पार्टी टिकट को लेकर भी इस बार नए फॉर्मूले पर काम कर रही है। पार्टी की ओर से तैयार फॉर्मूले को देखें तो इस बार दो बार से ज्यादा हार चुके, कई नेताओं के टिकट कटने की आशंका बढ़ गई है।
टिकट कटने की आशंका ज्यादा :
– कोटा की लाडपूरा सीट से दो बार कांग्रेस नईमुद्दीन गूडडू को टिकट दे चुकी है, लेकिन गूडडू लगातार दो चुनाव हार चुके हैं।
– बूंदी विधानसभा सीट से भी कांग्रेस की ममता शर्मा दो बार चुनाव हार चुकी है। ऐसे में ममता शर्मा के टिकट पर संकट के बादल छाए गए हैं।
– राजसमंद की सीट पर कांग्रेस के हरीसिंह राठौड भाजपा की किरण माहेश्वरी से दो बार हार चुके हैं।
– भीम विधानसभा से कांग्रेस के लक्ष्मणसिंह रावत लगातार दो चुनाव हार चुके हैं।
– सिरोही विधानसभा सीट से भी कांग्रेस के संयम लोढा लगातार दो बार चुनाव हार चुकें है।
– शेरगढ़ सीट से भाजपा के बाबू सिंह राठौड़ लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। उनके सामने कांग्रेस के उम्मेद सिंह दो बार हार गए।
– लोहावट की सीट से कांग्रेस के मालारम विश्नोई दो बार चुनाव हारने के बाद टिकट मिलनें पर संशय है।
– मारवाड़ जंक्शन से कांग्रेस प्रत्याशी खूशवीरसिंह दो बार चुनाव हार चुके हैं।
– डेगाना सीट पर रिछपाल मिर्घा लगातार दो चुनाव हार चुके है।
– अजमेर नॉर्थ सीट से कांग्रेस ने दो बार गोपाल बाहेती को टिकट दिया, लेकिन वो हार गए थे।
– धौलपुर की सीट से भी कांग्रेस लगातार दो चुनाव हार चुकी है। बीते चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों में बनवरी लाल शर्मा चुनाव हारे थे। 2008 में उनके बेटे अशोक शर्मा भी चुनाव हार गए थे।
– बयाना सीट से कांग्रेस लगातार तीन चुनाव हार चुकी है। इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार निर्भयलाल लगातार दो चुनाव हार चुके हैं।
– विद्याधर नगर सीट से भी कांग्रेस के प्रत्याशी विक्रमसिंह दो बार चुनाव हार चुके हैं।
– विराट नगर सीट से कांग्रेस के रामचंद्र सराधना लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं।
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