आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियां युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका देने पर विचार कर रही है। कांग्रेस-भाजपा दोनों ही अपने बुजुर्ग नेताओं को दरकिनार कर रही हैं। इस बीच राजस्थान में कांग्रेस ने यू-टर्न ले लिया है। कांग्रेस अब अपने बुजुर्ग नेताओं के सहारे ही चुनावी मैदान में उतरेगी। कांग्रेस विधानसभा चुनावों में युवाओं के साथ बुजुर्ग नेताओं को भी टिकट देगी।
लगा विराम
कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने बुजुर्ग नेताओं को टिकट नहीं देने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। कुमारी शैलजा ने कहा है कि पार्टी में टिकट जिताऊ उम्मीदवार को देखकर दिए जाएंगे, उम्र देखकर नहीं। यदि बुजुर्ग नेता भी जीतने लायक है तो टिकट दिया जाएगा।
दी राहत
पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी बनते ही टिकट के दावेदारों की भागदौड़ शुरू हो गई है। टिकट के दावेदार बुजुर्ग नेताओं ने राजस्थान से लेकर दिल्ली तक चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं। फिलहाल प्रदेश चुनाव समिति का गठन नहीं हुआ है, लेकिन कुमारी शैलजा के बयान ने कांग्रेस के बहुत से उम्रदराज नेताओं को खुशी दी है, जो चुनाव लड़ना चाहते हैं।
ये बुजुर्ग नेता टिकट की कतार में
शांति धारीवाल
भंवरलाल मेघवाल
हीरालाल इंदौरा
डॉ. हरिसिंह
अमीन खान
दीपेंद्रसिंह शेखावत
परसराम मोरदिया
परसादीलाल मीणा
दयाराम परमार
महेंद्रसिंह
बीना काक
भंवरलाल शर्मा
गुरमीनसिंह कुनर
बीडी कल्ला
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