मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आता जा रहा है, मुकाबला और भी स्पष्ट होता जा रहा है| ऐसे में अब नए समीकरण भी देखने को मिल रहे हैं| इस चुनाव में जहां शिवराज अपना विजयी रथ बरकरार रखने के लिए मैदान में उतरे हैं, वहीं कांग्रेस गठबंधन के साथ भाजपा को रोकने के लिए कवायदें कर रही है। जीत के लिए कांग्रेस नई-नई रणनीति बना रही है, लेकिन एक रणनीति से कांग्रेस फंस गई है।
टिकट का आश्वासन
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद कमलनाथ ने कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूती देने के लिए समाज को अपने साथ जोड़ने के फॉर्मूले पर कार्य शुरू किया था। कमलनाथ ने प्रदेशभर में रहने वाले अलग-अलग जाति के लोगों से मुलाकात की थी। अभी भी इन मुलाकातों का सिलसिला जारी है। कमलनाथ कई जातियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट देने का आश्वासन भी दे चुके हैं।
सर्वे का हवाला
बता दे कमलनाथ ने सबसे पहले सिंधी समाज से मुलाकात की थी, इसके बाद जैन, साहू, मांझी, यादव, राजपूत, मीणा, गुर्जर, लोधी, माली समेत दूसरी जाति से भी नाथ मुलाकात कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई समाज के लोगों ने टिकट नहीं देने पर कांग्रेस का मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान विरोध करने का फैसला भी लिया है। कांग्रेस अब सर्वे का हवाला देकर जाति और उससे जुड़े समाज को मनाने में जुट गई है।
कांग्रेस की हालत खराब
इधर भाजपा भी कई समाजों से संपर्क में हैं, भाजपा का कहना है कि कांग्रेस कि हालत खराब है और प्रदेश में कोई भी समाज उसका साथ नहीं देगा। वहीं कांग्रेस ने समाज के लोगों को टिकट का आश्वासन तो दे दिया, लेकिन अब वह अपने ही दांव में उलझ गई है।
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