चुनावी माहौल के बाद छत्तीसगढ़ थम सा गया है। प्रचार के शोर और मतदान के ज़ोर के बाद अब इंतज़ार है सिर्फ नतीज़ों का। चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को आने वाले हैं। मतदान होने के बाद सभी दलों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है परंतु इस बार माहौल किसके पक्ष में है, यह कहना कठिन है।
भाजपा ने 65 प्लस सीटों के साथ जीत का दावा किया है तो कांग्रेस ने दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने की बात कही। अजीत जोगी भी इस बार सरकार बनाने का ताल ठोक रही है। मतदान खत्म होने के बाद से ही कयासों का बाज़ार गर्म हो गया है।
कुछ सीटें भाजपा और कांग्रेस की परंपरागत मानी जाती हैं। कुछ सीटें बदलती रही हैं और कुछ सीटों पर अनुमान सटीक नहीं बैठे हैं। राज्य की 35 सीटों पर भाजपा की पकड़ मजबूत दिख रही है, तो कांग्रेस की भी 40 सीटों पर मजबूत स्थिति बनती दिख रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि बाकी सीटों पर कौन। बाकी सीटों पर पहली बार ताल ठोक रहे अजीत जोगी गेम पलट सकते हैं।
आरक्षित सीटों पर अजीत जोगी का जादू चला तो वे जीत हासिल करें या न करें भाजपा और कांग्रेस का खेल ज़रूर बिगाड़ देंगे। अजीत जोगी इस बार महागठबंधन के साथ चुनावी रणभूमि में उतरे और दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। जोगी की पार्टी 10 से 15 सीटों को प्रभावित कर सकती है और 3 से 5 सीटें जीतकर पार्टी विधानसभा नें पहली दफा दस्तक दे सकती है।
