वो संसद जहां करोड़ों भारतीयों के मुस्तकबिल का फैसला किया जाता है, वो संसद जिसे भारत में मंदिर से कम नहीं आंका जाता, उस संसद पर कुछ दहशतगर्दों ने चंद मिनटों में ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर उसे छलनी कर दिया था| आज उस घटना को 17 वर्ष बीत गए, लेकिन अभी भी हमले के जख्म लोगों के दिलों-दिमाग में ताज़ा हैं| सफेद रंग की एंबेसेडर कार में सवार खूंखार आतंकियों ने पलभर में संसद से उसकी शांति छीनकर वहां लाशें बिछा दी| अब वह सफ़ेद नहीं बल्कि बेगुनाहों के खून से रंगकर लाल हो चुका था| 13 दिसंबर 2001 को टीवी पर हमले की खबर के कारण पूरा देश सकते में आ गया था| संसद पर हुए हमले से पूरा देश कांपने लगा, लेकिन हमारे वीर जांबाज़ों के हौसलों के कारण आतंकियों को मुंह की खानी पड़ी|
13 दिसंबर 2001 की वह मनहूस घड़ी को कब क्या हुआ?
वह मनहूस घड़ी, जब संसद पर हुए हमले से पूरे देश में हाहाकार मच गया| उस दिन भी आम दिनों की तरह कार्रवाई शुरू हुई, हंगामा भी मचा, लेकिन संसद की कार्रवाई का अंत किसी फैसले या स्थगन के साथ नहीं, बल्कि उस दिन का अंत दर्द और आंसुओं के साथ हुआ| सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर संसद में ‘ताबूत घोटाले’ को लेकर हंगामा हुआ| हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया| इसके बाद कुछ सांसद बाहर धूप में आकर खड़े हो गए और बातचीत करने लगे| वहीं कुछ संसद भवन में ही मौजूद थे| तब तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी अपने कई करीबी मंत्रियों और सांसदों के साथ भवन में थे तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी वहां से कूच कर अपने आवास पहुंच चुके थे|
सुबह 11 बजकर 29 मिनट पर सुरक्षाकर्मी उपराष्ट्रपति कृष्णकांत की गाड़ियों के साथ गेट नंबर 11 के सामने लाइन में खड़े हो गए| उपराष्ट्रपति के आने का इंतज़ार होने लगा, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि किसी को समझ नहीं आया| एक सफेद रंग की कार तेज़ी से सदन में दाखिल हुई| सुरक्षाकर्मी उसे रोकने के लिए उसके पीछे भागे| रफ्तार और मोड़ के कारण कार चालक का कार पर नियंत्रण नहीं रहा और वह सीधे उपराष्ट्रपति की कार से जा टकराई| इसके बाद कार के सभी गेट खुले और अंदर सेना की वर्दी पहने बैठे पांचों आतंकियों ने बाहर निकलकर एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी|
जवानों ने 45 मिनट में मार गिराए सभी आतंकी
हमारे जांबाज़ों ने केवल 45 मिनट में सभी खूंखार आतंकियों को मार गिराया, लेकिन गोलियों और धमाकों की आवाज़ें बंद नहीं हुई| ऐसा इसलिए क्योंकि आतंकियों के चारों तरफ फैलने के कारण जगह-जगह ग्रेनेड गिरे हुए थे और वे थोड़ी-थोडी देर में ब्लास्ट हो रहे थे| बम निरोधक दस्ते द्वारा जल्द ही बम को निष्क्रिय कर दिया गया| पांचों आतंकी तो मारे गए, लेकिन पीछे छोड़ गए जवानों की मौत का मातम| इस हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हुए और 16 जवान घायल हुए| इस भयावह हमले की साजिश रचने वाले अफज़ल गुरु का नाम भी जल्द ही सामने आ गया| उसे 15 दिसंबर 2001 को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया और दिल्ली की तिहाड़ जेल में उसे 9 फरवरी, 2013 को सूली पर लटका दिया गया|
संसद पर हुए हमले की 17वीं बरसी पर आज भी लोग भावुक हो जाते हैं| आज कई लोगों ने हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी|
Delhi: Congress President Rahul Gandhi, Congress leader Ghulam Nabi Azad pay tribute to people who lost their lives in the terrorist attack on Parliament on December 13, 2001 pic.twitter.com/SVpR9vDZR0
— ANI (@ANI) December 13, 2018
Congress President Rahul gandhi on CM in three states : We are talking to party workers and MLAs. Decision on CMs (for #Rajasthan, #MadhyaPradesh and #Chhattisgarh ) will be shortly. Mr Gandhi was in #Parliament to pay homage to martyrs of #ParliamentAttack when he spoke to media pic.twitter.com/QcAfVlpesI
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) December 13, 2018
My tribute to the martyrs who sacrificed their lives during the #ParliamentAttack 2001. They protected the Temple of Democracy from the conspiracy of the terrorists. We salute them. pic.twitter.com/8RFMkCDmsC
— Jual Oram (@jualoram) December 13, 2018
17 years ago, our parliament was attacked by terrorists. It's a day to pay homage to the martyrs who died defending our democracy. A day to remember that democracy needs to be defended continuously from enemies, both within and without.#ParliamentAttack pic.twitter.com/YsGY9ps5Jh
— Congress (@INCIndia) December 13, 2018
Paid floral tributes to the martyrs at Parliament House on the 17th Anniversary of Parliament House attack. #ParliamentAttack pic.twitter.com/zkgocgr6v0
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) December 13, 2018
My humble tributes to all the brave soldiers & martyrs who fought with indomitable courage and sacrificed their lives in the line of duty, protecting our temple of democracy – #Parliament. Their valor & sacrifice will always be remembered.
2001 #ParliamentAttack pic.twitter.com/fpZSf27jdv— Rajiv Pratap Rudy (@RajivPratapRudy) December 13, 2018
https://twitter.com/Pradeepksm2272/status/1073058555505324034
Today let us remember the martyrs who sacrificed their lives defending and protecting the Parliament of India from the terrorist attack. #ParliamentAttack pic.twitter.com/Vja5Z6QVUb
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 13, 2018
17 years ago this day, Pakistani Terrorists attacked the Parliament of India. Tributes to the Bravehearts who sacrificed their lives to safeguard the temple of Democracy. ??? #ParliamentAttack pic.twitter.com/yu3j6ZH9BY
— Sir Jadeja fan (@SirJadeja) December 13, 2018
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