देश का सबसे लंबा रेल और रोड ब्रिज ‘बोगीबील’ (Bogibeel Bridge) तैयार हो गया है। लगभग पांच किलोमीटर लंबे इस ब्रिज को आप भारतीय इंजीनियरिंग का नायाब नमूना भी कह सकते हैं। इस दो मंजिला ब्रिज पर एक साथ ट्रेन और बसें दौड़ेंगी। असम में डिब्रूगढ़ से 17 किलोमीटर की दूरी पर ब्रह्मपुत्र नदी पर बने इस डबल डेकर रेल और रोड ब्रिज का उद्घाटन 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बोगीबील ब्रिज को 2007 में राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा दिया गया था। इसमें ऊपर 3 लेन की सड़क बनाई गई है। वहीं इसके नीचे ब्रॉडगेज की 2 रेलवे लाइनें बिछाई गई हैं। यह पुल पूर्वोत्तर भारत के लिए जीवन रेखा है।
आवाजाही होगी आसान
बोगीबील ब्रिज (Bogibeel Bridge) से आवाजाही आसान हुई है। खासतौर पर यह ब्रिज भारतीय सेना की भी मदद करेगा। ब्रिज को इतना मजबूत बनाया गया है कि इस पर से भारी टैंक और सैनिक साजो-सामान आसानी से ले जाया जा सकेगा। 4.94 किलोमीटर की लंबाई वाला बोगीबील ब्रिज डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को धेमाजी जिले से जोड़ता है। अरुणाचल प्रदेश का सिलापत्थर भी इससे ही सटा है। इस तरह बोगीबील ब्रिज धेमाजी और अरुणाचल के तमाम इलाकों को रेलवे और रोड दोनों तरीके की कनेक्टिविटी देने जा रहा है। डिब्रूगढ़ की रेलवे लाइन अब सीधे अरुणाचल के नाहरलगुन से जुड़ गई है। नाहरलगुन से अरुणाचल की राजधानी ईटानगर की दूरी महज 15 किलोमीटर है। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि बोगीबील ब्रिज से अरुणाचल की राजधानी सीधे-सीधे डिब्रुगढ़ से जुड़ जाएगी।
बोगीबील ब्रिज (Bogibeel Bridge) पर एक नज़र
– बोगीबील ब्रिज की लंबाई 4.94 किलोमीटर है।
– इस पर रेल लाइन और सड़क दोनों बनाई गई हैं।
– ब्रिज के ऊपर 3 लेन की सड़क और नीचे रेलवे के 2 ट्रैक बनाए गए हैं।
– रेलवे ट्रैक पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रैन दौड़ सकेंगी।
– इस पुल को बनाने में 4857 करोड़ रुपए की लागत आई है।
– ब्रह्मपुत्र नदी पर बना पुल 42 खंभों पर टिका हुआ है।
– सड़क खराब न हो इसलिए ब्रिज में रबर का इस्तेमाल किया गया है।
– खंभों को नदी के अंदर 62 मीटर तक गाड़ा गया है।
– ब्रिज से सैन्य साजो-सामान बॉर्डर पर जल्दी पहुंचाया जा सकेगा।
– इसके निर्माण में जो सामग्री इस्तेमाल की गई है, वह ज़ंगरोधी है।
– ब्रिज 120 साल तक पूरी तरह सुरक्षित है।
– ये पुल रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से आए भूकंप को आसानी से झेल सकता है।
– पुल की आधारशिला रखने से लेकर तैयार होने में करीब 21 साल लग गए।
– बोगीबील पुल की आधारशिला पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने 1997 में रखी थी।
– अप्रैल 2002 में पूर्व पीएम अटलबिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पुल का काम शुरू हुआ।
– 3 दिसंबर 2018 को पहली बार पुल से मालगाड़ी गुजार कर परीक्षण किया गया।
मोहम्मद रफ़ी ने छिपाई थी अपनी पहली शादी
बॉलीवुड के ‘मिस्टर इंडिया’ की रंगीली ज़िंदगी
कॉमन मैन !

2 Comments
Pingback: PM Modi Inaugurate IIT Bhubneswar & Development Projects Worth Rs-14500 Cr
Pingback: Assam Railroad Bridge, India's Longest Railroad Bridge, The Bogibeel Bridge